रिपोर्ट-रवि गोस्वामी सीतापुर सरगुजा
सरगुजा/सीतापुर:-केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा गरीब हितग्राहियों को दिया जाने वाला निःशुल्क चावल सोसायटी संचालक द्वारा गबन कर लिया गया।हितग्राहियों ने जब इस घोटाले की शिकायत खाद्य निरीक्षक से की तो उन्होंने सोसायटी संचालक के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाए अपने हाथ खड़े कर लिए।विभागीय अधिकारी का यह रवैया देख ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।उन्होंने राशन घोटाले की जाँच कर मामले में संलिप्त लोगो के विरुद्ध कार्रवाई की माँग की है।
विदित हो कि ग्राम पंचायत सहनपुर में रीना महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन दुकान का संचालन किया जा रहा है।जिसके द्वारा माह अप्रेल में किये गए राशन वितरण में काफी हेराफेरी की गई है।सोसायटी संचालक द्वारा प्रदेश एवं केंद्र सरकार द्वारा प्राथमिकता एवं अंत्योदय कार्डधारकों के लिए आवंटित चावल वितरण के दौरान घोटाला करते हुए उनके हिस्से का राशन गबन कर लिया गया।दरअसल माह अप्रेल में प्रदेश सरकार द्वारा आवंटित चावल के अलावा केंद्र सरकार ने प्राथमिकता एवं अंत्योदय कार्डधारकों हेतु प्रति हितग्राही पाँच किलो चावल निःशुल्क जारी किया था।जिसे वितरण के दौरान सोसायटी संचालक द्वारा अफरा तफरी करते हुए गबन कर लिया गया।जब यह बात हितग्राहियों को पता चला तो वो भड़क गए और सोसायटी संचालक पर मुफ्त का राशन गबन करने का आरोप लगा विरोध करने लगे।हितग्राहियों ने चावल की अफरा तफरी के संबंध में खाद्य निरीक्षक को भी अवगत कराया किंतु अधिकारी ने कार्रवाई के बजाए अपने हाथ खड़े करते हुए सरकारी राशन की अफरा तफरी करने वाले सोसायटी संचालक को बचाते नजर आए।इस संबंध में संदीप,रामकुमार,रामचंद्र,जगदीश,भुतुर,श्याम,आनंद,ढुंघरु आदि के हवाले से यह जानकारी मिली कि गाँव मे बढ़ता विरोध देख सोसायटी संचालक ने विरोध करने वालो को मुफ्त का राशन देकर उनका मुँह बंद करा दिया।वही अभी ऐसे कई हितग्राही बचे हुए है जिन्हें सोसायटी संचालक द्वारा मुफ्त का राशन नही दिया गया है।
तो क्या उसे बर्खास्त कर दु:-रीना महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा हितग्राहियों के निःशुल्क चावल गबन मामले में ग्रामीणों की शिकायत पर की गई कार्रवाई के संबंध में खाद्य निरीक्षक गौर सिंह जात्रे से पूछने पर उन्होंने बड़ा गैर जिम्मेदाराना बयान दिया।उन्होंने कहा “तो क्या उसे बर्खास्त कर दु”।घोटाला किया है तो कारण बताओ नोटिस जारी कर जबाब माँगा जायेगा।अब अधिकारी के इस बयान से तो समझ मे आ जाता है कि वो अपने दायित्वों को लेकर कितने गंभीर है और इस मामले में क्या कार्रवाई करेंगे।