
यूपी
पीड़िता ने बताया कि इन 30 मिनट में उनके बेटे की हालत खराब हो गई। वह मदद के लिए चीखने और चिल्लाने लगा। उसके बाद मेंटेनेंस डिपार्टमेंट की टीम मौके पर पहुंची। सोसाइटी वालों की मदद से किसी तरीके से मासूम बच्चे को बाहर निकाला गया। इस समय बच्चा बुरी तरीके से डरा हुआ। राजकुमारी जयसवाल ने बताया कि इससे पहले आज (17 अप्रैल 2023) की सुबह वह और उसके साथ 5 लोग इसी लिफ्ट में फंसे थे।
तकरीबन 10 मिनट तक सोसाइटी वाले लिफ्ट मे में फंसे रहे। उसके बाद मेंटेरी डिपार्टमेंट की टीम ने उनको बाहर निकाला। उनका आरोप है कि रोजाना सोसाइटी की किसी ना किसी लिफ्ट में कोई ना कोई फंस जाता है, , लेकिन बिल्डर को निवासियों की जिंदगी से कोई मतलब नहीं है।
अन्य निवासी देवेंद्र पाटिल ने बताया कि यह अब सोसाइटी में लिफ्ट का मामला आम हो गया है। पूरी हाउसिंग सोसाइटी के 4 टावर में 370 परिवार रहते हैं। इन चारों टावर में 8 लिफ्ट हैं, इनमें से 6 लिफ्ट खराब है।
अधिकतर लोग सुबह और शाम लिफ्ट में फंसे रहते हैं। काफी बार इसकी शिकायत UPSIDA और उनके उच्च अधिकारियों से की गई। इतना ही नहीं UPSIDA की तरफ से बिल्डर को सभी समस्याओं का समाधान करवाने के आदेश भी दिए गए हैं, लेकिन उसके बावजूद भी आंख पर पट्टी बांधकर बिल्डर मजे ले रहा है। बिल्डर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है।