नई दिल्ली:- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम करना और उनके समग्र विकास पर ध्यान देना है। नए पैटर्न में रटने की बजाय समझने और सोचने पर जोर दिया गया है। इससे छात्रों को अपनी क्षमताओं को बेहतर तरीके से दिखाने का मौका मिलेगा।
CBSE के इस नए परीक्षा पैटर्न में कौशल-आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ाई गई है। इसके साथ ही, छात्रों को साल में दो बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा। पहली परीक्षा नवंबर-दिसंबर 2024 में और दूसरी फरवरी-मार्च 2025 में होगी। इन दोनों परीक्षाओं में से छात्र के बेहतर स्कोर को ही फाइनल मार्क्स के रूप में माना जाएगा। यह बदलाव छात्रों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि अब उन्हें अपने प्रदर्शन में सुधार का एक और मौका मिलेगा।
CBSE बोर्ड परीक्षा 2025: एक नजर में
CBSE बोर्ड परीक्षा 2025 में किए गए प्रमुख बदलाव
- साल में दो बार परीक्षा का मौका
CBSE ने छात्रों को बड़ी राहत देते हुए साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का मौका दिया है। इससे छात्रों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने का अवसर मिलेगा। पहली परीक्षा नवंबर-दिसंबर 2024 में होगी, जबकि दूसरी परीक्षा फरवरी-मार्च 2025 में आयोजित की जाएगी। इन दोनों परीक्षाओं में से छात्र के बेहतर स्कोर को ही फाइनल मार्क्स के रूप में माना जाएगा।
इस बदलाव से छात्रों को कई फायदे होंगे:
परीक्षा का तनाव कम होगा
अपने प्रदर्शन में सुधार का मौका मिलेगा
पहली परीक्षा में कमजोर प्रदर्शन की स्थिति में दूसरा मौका मिलेगा
साल भर पढ़ाई पर ध्यान देने की आदत विकसित होगी
- कौशल-आधारित प्रश्नों की संख्या में वृद्धि
नए परीक्षा पैटर्न में कौशल-आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ाई गई है। अब इन प्रश्नों का वेटेज 40% से बढ़ाकर 50% कर दिया गया है। इसमें निम्न प्रकार के प्रश्न शामिल होंगे:
बहुविकल्पीय प्रश्न
केस-आधारित प्रश्न
स्रोत-आधारित एकीकृत प्रश्न
इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों की तार्किक क्षमता और समस्या समाधान कौशल का विकास करना है। इससे छात्र सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक परिस्थितियों में लागू करना सीखेंगे।
- निर्मित उत्तर प्रश्नों में कमी
CBSE ने परंपरागत लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों की संख्या में कमी की है। अब इन प्रश्नों का वेटेज 40% से घटाकर 30% कर दिया गया है। इस बदलाव के पीछे कई कारण हैं:
छात्रों की रटने की प्रवृत्ति कम होगी
अवधारणाओं को समझने और उन्हें लागू करने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा
छात्रों के लेखन कौशल के विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा
CBSE बोर्ड परीक्षा 2025: कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए नया पैटर्न
कक्षा 10वीं का नया परीक्षा पैटर्न
कक्षा 10वीं के लिए CBSE ने निम्न बदलाव किए हैं:
योग्यता-आधारित प्रश्न: 50%
बहुविकल्पीय प्रश्न: 20%
लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न: 30%
इस नए पैटर्न में छात्रों की समझ और सोचने की क्षमता का परीक्षण किया जाएगा। केस-आधारित और स्रोत-आधारित प्रश्नों से छात्रों को अपने ज्ञान को व्यावहारिक स्थितियों में लागू करने का मौका मिलेगा।
कक्षा 12वीं का नया परीक्षा पैटर्न
कक्षा 12वीं के लिए CBSE ने महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं:
योग्यता-आधारित प्रश्न: 50%
बहुविकल्पीय प्रश्न: 20%
लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न: 30%
यह बदलाव छात्रों को अपनी समझ और कौशल को बेहतर तरीके से दिखाने का मौका देगा। इससे उच्च शिक्षा और करियर के लिए छात्रों को बेहतर तैयारी करने में मदद मिलेगी।
छात्रों के लिए तैयारी के टिप्स
नए परीक्षा पैटर्न के लिए छात्रों को अपनी तैयारी में कुछ बदलाव करने होंगे। यहां कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए हैं:
कॉन्सेप्ट पर फोकस करें: रटने की बजाय विषयों को समझने पर ध्यान दें।
प्रैक्टिकल एप्लीकेशन पर जोर दें: सिद्धांतों को व्यावहारिक उदाहरणों से जोड़कर समझें।
केस स्टडीज का अभ्यास करें: विभिन्न प्रकार के केस-आधारित प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें।
समसामयिक मुद्दों से जुड़ें: अपने विषय से संबंधित वर्तमान घटनाओं और मुद्दों की जानकारी रखें।
लेखन कौशल पर काम करें: संक्षिप्त और स्पष्ट उत्तर लिखने का अभ्यास करें।
समय प्रबंधन पर ध्यान दें: दोनों परीक्षाओं के लिए समान रूप से तैयारी करें।
मॉक टेस्ट दें: नए पैटर्न के अनुसार मॉक टेस्ट देकर अपनी तैयारी का मूल्यांकन करें।
गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री का उपयोग करें: NCERT किताबों के साथ-साथ CBSE द्वारा अनुमोदित अन्य पुस्तकों का भी अध्ययन करें।
शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका
नए परीक्षा पैटर्न में शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्हें छात्रों की मदद के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए:
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शिक्षकों के लिए सुझाव:
इंटरैक्टिव शिक्षण पद्धति अपनाएं: छात्रों को सोचने और समझने के लिए प्रोत्साहित करें।
प्रैक्टिकल उदाहरण दें: पाठ्यक्रम को वास्तविक जीवन की स्थितियों से जोड़कर पढ़ाएं।
नियमित मूल्यांकन करें: छात्रों की प्रगति का लगातार आकलन करें और फीडबैक दें।
समूह चर्चा को बढ़ावा दें: छात्रों को अपने विचार व्यक्त करने और दूसरों के विचारों को समझने के लिए प्रोत्साहित करें।
अभिभावकों के लिए सुझाव:
सकारात्मक माहौल बनाएं: घर पर पढ़ाई के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करें।
तनाव कम करें: परीक्षा के दबाव को कम करने में मदद करें।
नियमित अध्ययन को प्रोत्साहित करें: रोजाना पढ़ाई की आदत डालने में मदद करें।
होमवर्क में मदद करें: बच्चों के होमवर्क में रुचि लें और जरूरत पड़ने पर मदद करें।