छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में 8वीं पास शातिर ठग ने महिला टीचर से ठगी कर ली है। ठग ने टीचर को बैंक कर्मचारी बनकर फोन कर उससे बैंक संबंधित सभी डीटेल ली थी। इसके बाद वॉलेट के जरिए उसके खाते से करीब 73 हजार रुपए निकाल लिए थे। राजिम पुलिस ने मास्टरमाइंड समेत 4 लोगों को झारखंड से गिरफ्तार कर लिया है।
छुरा विकास खंड के सरकारी स्कूल में पदस्थ राजिम निवासी ममता ठाकुर के पति का निधन अप्रैल में हो गया था। इसके बाद ममता ने पास के एक बैंक में ATM खुलवाने के लिए आवेदन किया था और वो अपने पति का बैंक खाता भी बंद कराना चाहती थीं। इस प्रक्रिया के कुछ दिन बाद 1 मई को आरोपी दिलकश अंसारी ने ये कहते हुए फोन किया कि मैं बैंक से बात कर रहा हूं,आपके बैंक संबंधित कुछ जरूरी डिटेल्स चाहिए, इससे आपका ATM जल्द खुल जाएगा।
यही बात सुनकर ममता उसके झांसे में आ गई और उसने बैंक संबंधित सभी जानकारी दिलकश अंसारी को दी थी। इसके कुछ देर बाद ही ममता के खाते से अलग-अलग बार में करीब 73000 हजार रुपए कट गए। इस पर महिला ने दिलकश के नंबर पर फोन लगाया, लेकिन उसका नंबर बंद आने लगा। ममता ने बैंक में भी बात की, पर वहां भी बताया गया कि हमारे तरफ से कॉल नहीं किया गया है। जिसके बाद ममता को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हो गई है।
ममता ने 7 मई को पूरे मामले की शिकायत राजिम थाने में दर्ज कराई। शिकायत होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और साइबर पुलिस की टीम से भी मदद ली गई। पुलिस काफी दिन से आरोपी की तलाश में जुटी हुई थी। इसके बावजूद आरोपी का कुछ पता नहीं चल पा रहा था। इस बीच पुलिस को कुछ दिन पहले पता चला कि इस तरह के ठग झारखंड के देवघर जिले के मोहनपुर थाना के मोरने गांव में रहते हैं। पुलिस की टीम मोरने रवाना हो गई और कुछ आरोपियों से पूछताछ में दिलकश के नाम का पता चला। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी ही निशानदेही पर तीन अन्य साथी समरुद्दीन अंसारी, बदरुद्दीन अंसारी और समीना अंसारी को भी गिरफ्तार किया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनमें से कोई भी ज्यादा पढ़ लिखा नहीं है। सभी 8वीं या उससे कम पढ़े हुए हैं। यह सुनते हुए भी पुलिस दंग रह गई। पूछताछ में ही और भी कई चौकाने वाले खुलासे हुए । पुलिस ने इस मामले में खुलासा करते हुए बताया कि इन आरोपियों ने पीड़ित महिला से मोबीक्विक हाउसिंग वॉलेट के जरिए ठगी की थी। वहीं पुलिस ने यह भी बताया कि 1500 आबादी वाले मोरने गांव में ऐसे ठगों की भरमार है। गांव में ज्यादातर युवा साइबर क्राइम के मास्टर हैं।
पुलिस का कहना है कि इनके कारनामों से स्थानीय पुलिस भी अचंभित रहती है।पुलिस ने बताया कि ये सभी ठग गांव से लगी पहाड़ी पर बैठकर कॉरपोरेट ऑफिस की तरह काम करते हैं। अपने सारे काम को किसी सरकारी दफ्तर के टाइम के हिसाब से अंजाम देते हैं। ये इतने शातिर हो चुके हैं कि पढ़े लिखे लोगों को भी अपना शिकार बनाने में इन्हें कोई परेशानी नहीं होती। अचानक पुलिस की रेड पड़ने पर ये पहाड़ी पर फैले जंगल मे छुप जाते हैं।