भोपाल। मध्य प्रदेश की विमुक्त जनजातियों को देह व्यापार के दलदल से निकालने के लिए राज्य सरकार नई योजना बना रही है। इसमें देह व्यापार से जुड़ीं महिलाओं व लड़कियों को जिला उद्योग केंद्र से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे और वैश्यावृत्ति छोड़ने वाली महिलाओं के लिए सम्मान कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वहीं उनके छोटे बच्चों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावास और किशोर बालिकाओं को कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में रखकर पढ़ाया जाएगा।
इन्हें व्यावसायिक शिक्षा, कोचिंग, कैरियर काउंसलिंग, ट्यूशन और छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग योजना का खाका तैयार करने में जुट गया है। मध्य प्रदेश में बांछड़ा, बेड़िया एवं सांसी जनजातियों में प्रचलित देह व्यापार की कुप्रथा है। इन जनजातियों में देह व्यापार को सामाजिक मान्यता दी गई है, लेकिन इसे विधिक मान्यता नहीं है।
इन जनजातियों की महिलाएं विशेषकर लड़कियां इस परंपरागत देह व्यापार में न जाएं, इसके लिए नई योजना बनाने की कवायद की जा रही है। इस योजना के तहत उन एनजीओ को आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो इन जनजातियों में देह व्यापार की प्रथा की रोकथाम, बचाव, पुनर्वास करने, आवश्यक सुविधाएं व सहायता देने और अन्य सहयोगी गतिविधियां संचालित करेंगे।