जशपुुर । खाकी के रौबदार चेहरे के बीच संवेदनशीलता के भी भाव पलते हैं। एक ऐसी ही मिसाल जशपुर के बगीचा में पुलिस की दिखी, जिसके बारे जिस किसी ने भी सुना, वो तारीफ किये बिना नहीं रह सका। एक भाई को अपने मृत भाई के लिए चार कांधा नसीब नहीं हुआ, तो पुलिसवाले देवदूत बनकर सामने आये। पुलिसवालों ने ना सिर्फ दिवंगत को कांधा दिया, बल्कि उनकी अंत्योष्ठि का भी पूरा इंतजाम
दरअसल अम्बिकापुर में रहने वाले अनेश गोस्वामी की कड़ाके की ठंड से मौत हो गई। शव पंचनामा अम्बिकापुर पुलिस ने किया और इसकी सूचना मृतक के भाई को दी। मृतक का भाई बगीचा में रहता है और गरीबी में किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहा है। मृतक के भाई ने अम्बिकापुर जाकर सरकारी मदद से मृतक का शव बग़ीचा ले आया। उसे उम्मीद थी कि जिस समाज में वो रहता है, वो समाज उसके भाई का अंतिम संस्कार तो करवा ही देगा। लेकिन विडंबना देखिये, अंतिम संस्कार तो छोड़िये, सैंकड़ों ग्रामीणों के बीच कोई तीन भी व्यक्ति भी सामने नहीं आ सका, जो शव को कांधा दे सके।
भाई के शव के पास विलाप करते हुए बड़ा भाई गांववालों से गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी का भी दिल नहीं पसीसा। ऐसे में जब ये जानकारी बगीचा एएसआई नीता कुर्रे को मिली तो उन्होंने थाना प्रभारी को इसकी जानकारी दी और नगर पंचायत के साथ कुछ स्थानीय नागरिकों के सहयोग से मृतक का अंतिम संस्कार कराया। बगीचा पुलिस ने मृतक को विधिवत कांधा दिया और अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की व्यवस्था भी की। सुख में हर कोई साथ होता है पर दुख की इस घड़ी में निःशक्त अनेश के अंतिम संस्कार की व्यवस्था कर जशपुर की बगीचा पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश की है।