ईरान :- शीर्ष सुरक्षा अधिकारी अली शामखानी के करीबी सहयोगी अली रजा अकबरी की फांसी ईरान में भीतर ही भीतर चल रहे सत्ता संघर्ष का संकेत भी देती है जो सितंबर में महसा अमीनी की मौत के बाद जारी प्रदर्शनों को रोकने की कोशिश कर रहा है। अकबरी की फांसी पर ब्रिटेन ने तत्काल कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसने इन विरोध प्रदर्शनों और यूक्रेन को निशाना बनाने वाले बम ले जाने वाले ड्रोन की आपूर्ति रूस को करने के कारण अमेरिका और अन्य देशों के साथ मिलकर ईरान पर प्रतिबंध लगाए हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा यह एक क्रूर और कायरतापूर्ण कृत्य है जिसमें एक बर्बर शासन ने अपने ही लोगों के मानवाधिकारों को कोई सम्मान नहीं दिया।
ब्रिटेन ने इस्लामी गणराज्य के महाभियोजक को भी प्रतिबंधित कर दिया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा ईरान को हमारा यह जवाब सिर्फ आज तक सीमित नहीं है। फांसी के बाद ईरान ने इसी तरह ब्रिटिश राजदूत को भी तलब किया। फांसी कब दी गई इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। हालांकि कहा जा रहा है कि उन्हें कुछ दिन पहले फांसी दी गई।
ईरान की न्यायपालिका द्वारा जारी एक लंबे बयान में दावा किया गया कि अकबरी को खुफिया सेवा को जानकारी प्रदान करने के लिए लंदन में बड़ी रकम ब्रिटिश नागरिकता और अन्य मदद मिली। निजी थिंक टैंक चलाने वाले अकबरी को 2019 के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया। ऐसी आशंका थी कि उन्हें गिरफ्तार किया गया था। लेकिन इसकी विस्तृत जानकारी हाल के सप्ताह में सामने आई है। जासूसी और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अन्य अपराधों के अभियुक्तों पर आमतौर पर बंद दरवाजों के पीछे मुकदमा चलाया जाता है। मानवाधिकार समूहों का कहना है कि ऐसे अभियुक्त अपने लिए वकील तक खड़ा नहीं कर सकते और उन्हें अपने खिलाफ सबूत देखने की अनुमति नहीं होती है।
ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने अकबरी का एक अत्यधिक संपादित वीडियो प्रसारित किया। इस वीडियो को सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जबरन कराया गया कबूलनामा बताया। बुधवार को अकबरी का एक ऑडियो संदेश प्रसारित किया जिसमें उन्होंने यातना दिए जाने का वर्णन किया है।