नई दिल्ली : तुर्की और सीरिया में शक्तिशाली भूंकप ने भयंकर तबाही मचाई। रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई। जिस वक्त भूंकप आया उस वक्त लोग अपने घरों में सो रहे थे। भूकंप की वजह से सोते समय सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। कई इमारतें भी मलबे में तब्दील हो गई। भूंकप कितना जोरदार था इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि झटके साइप्रस और मिस्र तक महसूस किए गए। सीरिया के राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के प्रमुख रायद अहमद ने सरकार समर्थक रेडियो को बताया कि ये देश के इतिहास सबसे बड़े भूकंप में से एक था।
मिडिल ईस्ट के चार देश तुर्किये (पुराना नाम तुर्की), सीरिया, लेबनान और इजराइल सोमवार सुबह भूकंप से हिल गए। सबसे ज्यादा तबाही एपिसेंटर तुर्किये और उसके नजदीक सीरिया के इलाकों में देखी जा रही है। तुर्किये में अब तक 284 लोगों की जान चली गई है और 2,300 लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 245 लोग मारे गए और 639 जख्मी हैं। लेबनान और इजराइल में भी झटके महसूस किए गए, लेकिन यहां नुकसान की खबर नहीं है।
भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई। इसका असर भी दिख रहा है। दमिश्क, अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में इमारतें गिरने की खबर है। वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्कीये में आए भूकंप में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की संवेदनाएं तुर्किये के साथ हैं। भारत सरकार मदद के लिए राहत सामग्री के साथ NDRF और मेडिकल टीमों के खोज और बचाव दलों को तुर्की भेज रही है।
18 आफ्टर शॉक आए, 5 से ज्यादा झटकों की तीव्रता 7 से ज्यादा
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद 18 आफ्टर शॉक्स रिकॉर्ड किए गए। इनकी तीव्रता 4 से ज्यादा थी। पहले भूकंप के बाद आए 7 झटकों की तीव्रता 5 से ज्यादा थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले कुछ घंटों और दिनों तक आफ्टर शॉक्स महसूस किए जाएंगे।