दिल्ली। चंद्रयान-3 मिशन की तैयारियां इसरो में जोर-शोर से चल रही हैं. चंद्रयान-3 को रॉकेट के ऊपरी हिस्से में रख गया है. इसके बाद उसे असेंलबिंग यूनिट में ले जाकर जीएसएसवी-एमके3 रॉकेट से जोड़ दिया गया है. भारत के लिए यह एक बेहद रोमांचक क्षण है. जबकि चंद्रयान-3 देश का सबसे महत्वकांक्षी स्पेस मिशन.
पहले दो चंद्र अभियानों के बाद यह तीसरा प्रयास है. इस मिशन को 12 से 19 जुलाई के बीच लॉन्च किया जाएगा. संभावित लॉन्च डेट 13 जुलाई 2023 है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो इसे आंध्र प्रदेश के तट पर मौजूद श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च करेगा. लॉन्चिंग के लिए जिस रॉकेट का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसका नाम जीएसएलवी-एमके3 है.
चंद्रयान-3 मिशन इसरो के चंद्रयान-2 मिशन का फॉलो-अप मिशन है. यानी पिछली बार जो गलती हुई थी. उसे सुधारने और अपनी क्षमता प्रदर्शित करने का मिशन. यह मिशन 75 करोड़ रुपए का है.चंद्रयान-3 मिशन में इस बार एक लैंडर और रोवर जा रहा है.
चंद्रयान-2 की तरह इस बार ऑर्बिटर नहीं जा रहा है. ऑर्बिटर यानी जो चंद्रमा के चारों तरफ चक्कर लगाता है. लैंडर यानी वो चौपाया यंत्र जो स्पेसएक्स के रॉकेट की तरह जमीन पर उतरेगा. इसके अंदर रखा रहेगा रोवर. यह रोवर मतलब चलने वाला यंत्र.