दिल्ली:- केंद्र सरकार ने 2021 में नया किराया कानून जारी किया है, जिसमें किराएदारों को मिले 5 नए अधिकार। इस लेख में हम इस कानून के महत्वपूर्ण पहलुओं को जानेंगे।
मॉडल किरायेदारी अधिनियम का उद्देश्य है कि किराए पर लेने और देने की प्रक्रिया को विनियमित किया जाए ताकि दोनों पक्षों के हितों की रक्षा हो सके।
रेंट एग्रीमेंट: अब हर किरायेदार और मकान मालिक के बीच एक लिखित समझौता यानी रेंट एग्रीमेंट आवश्यक है, जिससे दोनों पक्ष अपने अधिकार और प्रतिबद्धिताओं को स्पष्ट रूप से समझ सकें।
किराएदार को डिपॉजिट के रूप में अधिकतम 2 महीने का किराया देना होता है, आवासीय और गैर-आवासीय परिसर के लिए यह 6 महीने तक का होता है।
मालिक को घर की पुताई और मरम्मत जैसी जिम्मेदारियां संभालनी होगी, जबकि किरायेदार को पानी और बिजली कनेक्शन की मरम्मत की जिम्मेदारी होगी।