रायपुर:- पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे रिपोर्ट और संगठन से मिले फीडबैक के बाद यह तो तय हो चुका है कि विधायक केरकेट्टा की टिकट काटने के मूड़ में आलाकमान बिल्कुल भी नहीं है।
दरअसल इस बार कांग्रेस के 75 प्लस की तैयारियों में जितने भी सीटिंग विधायक हैं, उन सभी के लिए सर्वे पार्टी ने कराया था। सर्वे रिपोर्ट में यही बात सामने आई कि पहली बार पाली तानाखार सत्ता के साथ रहा। विधायक केरकेट्टा को सीएम भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत का बेहद करीबी माना जाता है। विधायक को इन तीन वर्षों में फंड की कमी नहीं होने दी गई। विधायक मोहित ने सुनियोजित तरीके से विकास कराया। सभी जाति धर्म चाहे कंवर, गोड़, पिछड़ा, इसाई,ओबीसी वर्ग समाज के लिए विविध कार्य कराए गए।
पीसीसी अध्यक्ष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत ने मोहित केरकेट्टा को कांग्रेस प्रवेश कराया और कांग्रेस से टिकट दी। एक तरफ 15 साल के विधायक उईके और गोंगपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरा सिंह मरकाम चुनावी मैदान में थे। इन सबके बावजूद मोहित केरकट्टा ने 10 हज़ार वोटो से चुनाव जीता था।
0 लोकसभा में कांग्रेस की लाज पाली ने ही बचाई थी
लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को सबसे अधिक बढ़त पाली तानाखर से ही मिली थी, कोरबा विधानसभा से वोटों की खाई को पाटने का काम पाली तानाखार की जनता ने ही किया था। कांग्रेस विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव को भी देखते हुए टिकट फाइनल करेगी।