वास्तु शास्त्र हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण शास्त्र है, जिसमें घर के डिज़ाइन और वास्तु एक पॉजिटिव और हारमोनियस माहौल बनाने में मदद करते हैं। इसमें दिशाओं का महत्वपूर्ण भूमिका है, जैसे कि घर की प्रवेश द्वार की सही दिशा और घर के विभिन्न हिस्सों की सही दिशा में डिज़ाइन करना। वास्तु शास्त्र में बताए गए नियमों का पालन करने से घर का माहौल पॉजिटिव होता है और लोगों के जीवन में सुख और समृद्धि आती है। इसमें घर के विभिन्न खास स्थलों के लिए उपयुक्त रंगों, वस्तुओं, और डिज़ाइन के बारे में सलाह दी जाती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि आ सकते हैं।
ऐसे में आज हम आपको वास्तु के कुछ ऐसे टोटके बताने जा रहे हैं जिसकी सहायता से आप अपने गुस्से को काबू कर सकते हैं।
इस दिशा में ही बैठें कर्मचारी :वास्तुशास्त्र में दिशाओं का महत्वपूर्ण भूमिका होती है और दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्निकोण) को आग्रही और उत्तेजनापूर्ण माना जाता है। इस दिशा में बैठने या सोने से क्रोध और उत्तेजना बढ़ सकता है।
ऑफिस में भी यह महत्वपूर्ण है कि कर्मचारी के कार्यस्थल का डिज़ाइन और बैठने की स्थिति उसके व्यवहार और मनोबल को प्रभावित कर सकते हैं। अगर कोई कर्मचारी दक्षिण-पूर्व दिशा में बैठता है, तो उसका स्वभाव आक्रमक हो सकता है, और वह उत्तेजित होने की प्रवृत्ति दिखा सकता है।
सोते समय इस दिशा में रखें पैर :सोते समय सिर की दिशा का महत्व वास्तुशास्त्र में मान्यता है। पूर्व अथवा दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोने से शांति और आराम मिल सकता है। इसके अलावा, क्रिस्टल बॉल या फिटकरी का टुकड़ा सिरहाने के पास रखने से भी शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हो सकता है।