आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो चला है। हमारा पूरा शरीर एक खास तरह के मैकेनिज्म पर काम करता है,
जिसमें मस्तिष्क से रीढ़ की हड्डी के माध्यम से पूरे शरीर की नसों तक संदेश भेजा जाता है और ये शरीर के सभी कार्यों को संचालित करने में मददगार होती है।
यानी अगर आपको तंत्रिका तंत्र से संबंधित कोई समस्या हो जाती है तो इसके कारण शरीर के अंगों का ठीक तरीके से काम करना बाधित हो सकता है। शरीर का संचार नेटवर्क बनाने के लिए अरबों न्यूरॉन्स एक साथ काम करते हैं,
हालांकि लाइफस्टाइल और आहार में कई तरह की गड़बड़ी के कारण समय के साथ तंत्रिकाओं से संबंधित समस्याओं का खतरा बढ़ता देखा जा रहा है।
नर्वस सिस्टम में होने वाली समस्याओं के कारण कई प्रकार के संक्रमण, संरचनात्मक विकार जैसे मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी की समस्या, बेल्स पाल्सी, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस, कार्पल टनल सिंड्रोम जैसी गंभीर बीमारियों का भी खतरा रहता है।
यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने की सलाह देते हैं। आइए जानते हैं कि तंत्रिकाओं को स्वस्थ रखने के लिए क्या प्रयास किए जाने चाहिए?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, तंत्रिकाओं में होने वाली समस्याएं कई प्रकार से हमारी सेहत को प्रभावित करने वाली हो सकती हैं। आसानी से कुछ लक्षणों के आधार पर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
शुरुआत में अक्सर सिरदर्द की बनी रहने वाली समस्या के साथ अक्सर शरीर में झुनझुनी की दिक्कत बनी रहती है।
समय के साथ ये समस्या मांसपेशियों की ताकत में कमजोरी, दृष्टि की हानि, याददाश्त की कमजोरी, झटके और दौरे पड़ने की समस्या भी विकसित कर सकती है। आइए जानते हैं कि इन समस्याओं से बचे रहने के लिए क्या किया जा सकता है?
आहार में शामिल करें ये पोषक तत्व
तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने और इससे संबंधित विकारों को दूर करने में आहार की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है, कुछ प्रकार के पोषक तत्वों की कमी को भी तंत्रिका से संबंधित विकारों को बढ़ाने वाला पाया गया है।
कैल्शियम और पोटेशियम उनमें से एक हैं जो तंत्रिकाओं द्वारा उत्पादित विद्युत आवेगों को नियंत्रित करते हैं। दोनों की कमी से तंत्रिका संबंधी शिथिलता हो सकती है।
इसके अलावा प्रत्येक तंत्रिका के चारों ओर एक सुरक्षात्मक कोटिंग बनाने के लिए विटामिन बी-12 के सेवन को बढ़ाने पर जोर दिया जाता रहा है।
लाइफस्टाइल और नींद को रखें ठीक बदलती जीवनशैली और नींद की कमी भी तंत्रिका से संबंधित परेशानियों को बढ़ाने वाली हो सकती है। रात के समय सभी लोगों को 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेने की सलाह दी जाती है। नींद की कमी मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के साथ थकान-कमजोरी को दूर करने में मदद करती है।
अच्छी नींद हमारे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि नींद विकारों की समस्या वाले लोगों में तंत्रिकाओं से संबंधित समस्या विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है।व्यायाम सेहत को ठीक रखने के लिए जरूरी
अध्ययनों में स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को नियमित व्यायाम की आदत बनानी चाहिए, ये शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत को ठीक रखने के लिए जरूरी है। तंत्रिकाओं से संबंधित बीमारियों के खतरे को भी कम करने में इससे लाभ मिल सकता है।
व्यायाम, हमारी नसों को मजबूती देने और न्यूरॉन्स की मदद से संदेशों के संचार को ठीक रखने में मदद करते हैं। रोजाना कम से 30 मिनट के व्यायाम की आदत जरूर बनानी चाहिए।