गणपति के जन्मोत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है और इस दिन लोग अपने घरों में गणपति की स्थापना करते हैं।
इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितम्बर से प्रारंभ हो रहा है। गणेश चतुर्थी की शुरुआत भगवान श्री गणेश की स्थापना के साथ होती है। पहले दिन लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं।
कहते हैं इन दिनों भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं जल्दी पूर्ण हो जाती हैं। गणेश चतुर्थी से पहले आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि वास्तु के अनुसार भगवान गणेश की मूर्ति कैसी होनी चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
1 -वास्तु के अनुसार गणपति स्थापना के समय गणेश जी की मूर्ति को उत्तर-पूर्व दिशा में रखें जिसे ईशान कोण भी कहा जाता है। गणपति की मूर्ति घर की पश्चिम याउत्तर दिशा में भी रखी जा सकती है।
2 -गणपति की मूर्ति को कभी भी दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके या दक्षिणी कोने में नहीं रखना चाहिए ऐसा करने से आपको पूजा का फल नहीं मिलेगा।
3 -वास्तु के अनुसार गणपति की स्थापना के समय चौकी पर लाल कपड़ा बिछाना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
4 -गणपति की स्थापना कभी भी बाथरूम, टॉयलेट या इससे जुड़ी किसी भी दीवार के पास न करें। घर के बेडरूम में भी गणपति स्थापित करना वर्जित माना जाता है।
5 -भगवान गणेश की सही मूर्ति का चुनाव करना जरूरी है। वास्तु के अनुसार गणेश जी की बैठी हुई मूर्ति घर के लिए ज्यादा शुभ मानी जाती है।
6 -गणपति की मूर्ति में हमेशा उनकी सूंड़ बाईं तरफ घूमी हुई होनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि दाहिनी तरफ घूमी हुई सूंड़ वाली मूर्ति स्थापित करने से घर में कलह कलेश बढ़ने लगता है।
7 -वास्तु के अनुसार कभी भी गणपति की एक से अधिक मूर्तियां स्थापित न करें। एक से ज्यादा मूर्तियां नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकती हैं।
8 -गणेश चतुर्थी में यदि आप भगवान गणेश की सफेद रंग की मूर्ति स्थापित करती हैं तो घर में खुशहाली आती है। सफेद रंग की मूर्ति शांति और समृद्धि को आमंत्रित करती है।
9 -वास्तु की मानें तो गणपति की मूर्ति हमेशा ऐसी होनी चाहिए जिसमें उनका वाहन मूसक राज हो और गणेश जी के हाथ में मोदक हो।
10 -जिस स्थान पर गणपति स्थापित किए गए हैं उस जगह पर भूलकर भी जूते चप्पलों का प्रवेश नहीं होना चाहिए और कभी भी उस स्थान पर गंदगी इकठ्ठा न हो।
11 -गणपति स्थापना के लिए कभी भी ऐसा स्थान न चुनें जहां प्रकाश की सही व्यवस्था न हो। अंधेरे कमरे में स्थापित की गई गणपति की मूर्ति घर में नकारात्मकता का कारण बनती है।