लखनऊ: लखनऊ ट्रामा सेंटर में भर्ती महिला कॉन्स्टेबल ने होश में आने के बाद बयान दिया है. उसने अफसरों को बताया कि 2 लोगों ने उसके साथ वारदात को अंजाम दिया था.
अयोध्या के मनकापुर स्टेशन से ट्रेन चलने के 10 से 15 मिनट बाद महिला कॉन्स्टेबल पर अज्ञात लोगों ने जानलेवा हमला किया था. महिला खून से लथपथ ट्रेन की सीट के नीचे मिली थी. उसके कपड़े अस्तव्यस्त थे. सीट के नीचे खून पड़ा था, चेहरे से खून से रिस रहा था. इसके बाद उसे आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया. 6 दिन बाद डॉक्टरो ने ऑपरेशन कर महिला कॉन्स्टेबल को तो बचा लिया लेकिन अभी वह ज्यादा कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है.
लखनऊ केजीएमसी ट्रामा सेंटर में अभी भी महिला भर्ती है. हालांकि, अब उसने अफसर को बताया कि 2 लोगों ने उसपर हमला किया था. मगर सिर में चोट लगने की वजह से महिला कॉन्स्टेबल पूरी घटना नहीं बता पा रही है. मोबाइल टावर डाटा से संदिग्ध नंबरों की छानबीन कर रही है. घटना स्थल वाली जगह यानी रेलवे ट्रैक के आसपास वारदात के वक्त सक्रिय नंबरों को खंगाला जा रहा है. गौरतलब है कि वारदात के 17 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं.
महिला कॉन्स्टेबल के ऊपर जानलेवा हमला क्यों और किसने किया? अभी तक पुलिस इसका पता नहीं लगा पाई है. बता दें कि 29 अगस्त की सुबह 4:00 बजे सरयू एक्सप्रेस की जनरल बोगी में सीट के नीचे प्रयागराज की 43 वर्षीय महिला हेड कॉन्स्टेबल खून से लथपथ पड़ी मिली. जीआरपी के जवान मौके पर पहुंचे तो कॉन्स्टेबल को लखनऊ केजीएमसी में भर्ती कराया. हफ्ते भर तक वो बोलने की स्थिति में नहीं थी. उसके सिर, चेहरे और शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोट के निशान थे. देख लग रहा था कि उसपर धारदार हथियार से हमला किया गया. इस मामले का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और चीफ जस्टिस ने रात में सुनवाई की. सरकार और रेलवे को नोटिस जारी किया गया और जांच रिपोर्ट मांगी गई. इस केस में कोर्ट बराबर नजर रख रहा है.