इडुक्की: केरल में भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने के कुछ घंटों बाद ही चर्च के पादरी को जिम्मेदारियों (विकर) से हटा दिया गया। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं है कि राजनीतिक दल में जाने के चलते उन्हें सेवा मुक्त किया गया है या वजह कुछ और है। इधर, एक वीडियो में पादरी का कहना है कि उन्हें भाजपा में शामिल न होने की कोई भी वजह नजर नहीं आती है। फादर कुरियाकोस मट्टम सोमवार को ही भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने इडुक्की जिला अध्यक्ष केएस अजि की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली। इसके कुछ समय बाद ही इडुक्की डायसिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी थी। चर्चा की तरफ से बयान जारी किया गया, ‘मनकुवा चर्चा के फादर कुरियाकोस मट्टम को विकर के तौर पर अस्थाई रूप से सेवामुक्त किया जाता है।’
पीटीआई से बातचीत में चर्च के एक सूत्र ने कहा कि कैनन लॉ के तहत यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि चर्च के पादरी न तो राजनीतिक दल में शामिल हो सकते हैं और न ही सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। खास बात है कि पादरी भाजपा में ऐसे समय पर शामिल हुए हैं, जब कैथोलिक चर्च मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर पार्टी पर हमलावर है। मट्टम का कहना था, ‘मैं आज के मुद्दों पर नजर रखता है। मुझे भाजपा में शामिल न होने की कोई भी वजह नजर नहीं आती है। भाजपा के कई कार्यकर्ता मेरे मित्र हैं। मैंने आज सदस्यता हासिल की है। मैंने अखबार पढ़े हैं और भाजपा के काम करने के तरीके को समझा हूं।’