रायपुर : छत्तीसगढ़ में बीजेपी क्लियर मेंडेट के साथ सत्ता में वापसी कर चुकी है, मगर बीजेपी किसे प्रदेश की कमान सौंपेगी इसकी तस्वीर अब तक साफ नहीं हो पाई है। 15 साल सत्ता में रहने वाली बीजेपी इस बार का चुनाव बिना सीएम फेस के लड़ी थी। रायपुर में कयासों का दौर तो दिल्ली में मंथन जारी है। 15 साल सीएम रहे रमन हों या सीएम की रेस में रेणुका सिंह सभी केवल एक बात का जिक्र कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री को लेकर डिसीजन केंद्रीय नेतृत्व लेगा।
कौन बनेगा मुख्यमंत्री? इस सवाल पर सस्पेंस बरकरार है। दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं के बीच मंथन का दौर चल रहा है, तो रायपुर में कयासों का दौर जारी है। खबर तो ये भी है कि इस बार छत्तीसगढ़ में किसी नए चेहरे को छत्तीसगढ़ की कमान सौंपी जाएगी। इधर, बीजेपी ने जिन सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा था उनमें से जितने वाले सांसदों ने सांसदी से इस्तीफा दे दिया है। इनमे बिलासपुर सांसद और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और रायगढ़ सांसद गोमती साय औऱ केंद्रीय राज्य मंत्री और भरतपुर सोनत से चुनाव जीतने वाली सरगुजा की सांसद रेणुका सिंह ने दिल्ली जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इनके इस्तीफा सौंपने के बाद एक बार फिर से सीएम पद के लिए प्रमुख रूप से रेणुका सिंह और अरुण साव का नाम पर चर्चा होने लगी है। हालांकि मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों की बात करें तो सबसे रेणुका सिंह का नाम सीएम की रेस में सबसे ऊपर है। महिला मोर्चा में महामंत्री रह चुकी रेणुका सरकार के साथ संगठन में काम का अनुभव रखती है। प्रदेश में लगातार आदिवासी वर्ग से CM की मांग उठती रही है और उनका आदिवासी होने के अलावा महिला भी होना, उनकी दावेदारी को पुख्ता करता है।