संघ लोक सेवा आयोग यानी की UPSC की ओर से हर वर्ष सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है. परीक्षा में लाखों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल होते हैं और एग्जाम राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाएगा. चयन तीन चरणों में किया जाता है. पहला चरण प्रारंभिक परीक्षा का होता है. इसमें सफल होने वाले अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में शामिल होते हैं और मेन्स में सफल कैंडिडेट इंटरव्यू देते हैं. अंतिम चयन इंटरव्य और मुख्य परीक्षा में प्राप्त नंबरों के आधार पर होता है. साक्षात्कार में सफल कैंडिडेट को नंबर के हिसाब से IAS, IPS और IFS पोस्ट दिया जाता है.अभ्यर्थियों के बीच IAS और IPS पोस्ट की डिमांड सबसे ज्यादा होती है. आइए जानते हैं कि IPS पद पर चयन होने के बाद कितने चरण की ट्रेनिंग होती है और किस पद पर सबसे पहले तैनाती होती है और आईपीएस को क्या सैलरी और सुविधाएं मिलती हैं.
आईपीएस पद पर चयन होने के बाद मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में आईएएस के साथ इन्हें करीब तीन महीने का फाउंडेशन कोर्स करना होता है. उसके बाद इन्हें ट्रेनिंग के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी, हैदराबाद भेजा जाता है. यहां इन्हें कई प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें तैराकी, घुड़सवार, जिम और योग आदि शामिल हैं. साथ ही इन्हें भारतीय संविधान, आधुनिक भारत में पुलिस और इंडियन पीनल कोर्ट 1860 सहित कई चीजें पढ़ाई भी जाती है. तैनाती से पहले आईपीएस को इन ट्रेनिंग सेशन से गुजरना होता है. ट्रेनिंग के दौरान इन्हें करीब 35000 रुपए सैलरी मिलती है
.कैसे तय होता है कैडर?आईपीएस का कैडर नंबर और वरीयता के आधार पर तय किया जाता है. यूपीएससी के कैडर नियम से अनुसार देश को 5 राज्यों में बांटा गया है. इंटरव्यू से पहले यूपीएससी डीएएफ फॉर्म जारी करता है. जिसे साक्षात्कार में शामिल होने से पहले भरना होता है. उसके कैडर वरीयता भरने का ऑप्शन मिलता है. भरे गए विकल्प और अभ्यर्थियों को मिले नंबरों के आधार पर कैडर आवंटित किया जाता है.
किस पोस्ट पर IPS की पहले होती है तैनाती?आईपीएस सीधे पुलिस कमिश्ननर नहीं बनते हैं. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सबसे पहले इन्हें डीसीपी या एएसपी के पद पर तैनात किया जाता है. इनकी बेसिक सैलरी लगभग 56001 रुपए होती है और प्रमोशन के साथ सैलरी बढ़ती जाती है. साथ ही इन्हें सरकारी बंगला और गाड़ी सहित कई अन्य सुविधाएं व भत्ते मिलते हैं. वहीं सीनियर आईपीएस को पुलिस कमिश्नर बनाया जाता है, जो एडीजी रैंक का अधिकारी होता है.