मध्य प्रदेश:- 30-31 दिसंबर को कई हिस्सों में बारिश के साथ ही ओले गिरने का अनुमान है. मौसम विभाग के मुताबिक, बारिश का ये सिलसिला 2 जनवरी तक चलेगा और इससे प्रदेश में ठंड का कहर बढ़ने वाला है. असल में, बारिश और ओले गिरने की वजह पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव है, जिससे 30 दिसंबर से दो जनवरी तक उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग समेत प्रदेश के कई शहरों में बादल छाए रहेंगे और बारिश होगी. वहीं, शुक्रवार की सुबह कोहरे और ठंड में डूबी रही, कई शहरों में धूप नहीं निकलने से ठंड का सितम बढ़ गया है.
मध्य प्रदेश में इन दिनों लगातार मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है. साल 2023 की विदाई बारिश के साथ हो सकती है. 29-30 को सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ से प्रदेश का मौसम एक बार फिर बदलेगा. पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 30 दिसंबर से दो जनवरी तक उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग समेत प्रदेश के कई शहरों में बादल के साथ बारिश होने का अनुमान है. शुक्रवार को कई शहरों में घना कोहरा छाए रहने से विजिविलिटी घटकर 50 मीटर से भी कम रह गई.
इन शहरों में छाया रहा कोहरा, सबसे ठंडा रहा सागर
मध्य प्रदेश के खजुराहो में 50 मीटर, ग्वालियर में 100 मीटर, टीकमगढ़ में 50 से 200 मीटर और दतिया में 200 से 500 मी. ही दृश्यता रह गई. प्रदेश में सबसे कम सागर 8 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड हुआ. इसके साथ ही दमाेह, राजगढ़ आदि शहराें में भी न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा. भोपाल 12 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया.
तापमान में ज्यादा गिरावट देखने को नहीं मिली
भले ही इन स्थानों में न्यूनतम तापमान कम रहा हो, लेकिन अगर जिलों की बात की जाए तो संपूर्ण जिलों के अनुसार प्रदेश की न्यूनतम तापमान में कहीं भी बड़ी गिरावट नहीं देखी गई। वहीं अधिकतम तापमान में भी वृद्धि दर्ज हुई है। इस कारण प्रदेश के कई हिस्सों में ठंड का प्रकोप कम हो गया है। राजधानी भोपाल में भी ठंड का असर कम ही दिखाई दिया.