नई दिल्ली:- जरा सोचिए आपके पास एक बढ़िया सा ऑफर आए कि फलानी जगह बढ़िया डील मिल रही हैं. या फिर कोई ई-कॉमर्स वेबसाइट तगड़ा डिस्काउंट ऑफर लेकर आई है. इसका फायदा उठाने के लिए आपको रजिस्टर करना होगा या फिर कोई और लिंक/ URL शेयर किया जाए, जहां से आप सस्ती शॉपिंग कर सकते हैं. ऐसे ऑफर को देखकर क्या करेंगे?
ज्यादातर लोग असली और नकली वेबसाइट का फर्क नहीं समझ पाते और धोखा खा जाते हैं. इसका नतीजा ये होता है कि लोग फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं. वेबसाइट असली है या नकली, इसकी पहचान करने के लिए कई तरीके हैं. जानिए कुछ जरूरी बातें हैं जिन पर ध्यान देकर आप फिशिंग अटैक से बच सकते हैं.
वेबसाइट का URL
असली वेबसाइट्स के URL में आमतौर पर एक डोमेन नाम होता है जो कंपनी या ऑर्गनाइजेशन के नाम से मेल खाता है. जैसे कि अगर आप Amazon की वेबसाइट पर जा रहे हैं, तो URL होगा “https://www.amazon.in/](https://www.amazon.in/”. यदि URL में कंपनी या ऑर्गनाइजेशन का नाम नहीं है, या यह अजीब/ अस्पष्ट है, तो यह एक नकली वेबसाइट हो सकती है.
वेबसाइट की डिजाइन
असली वेबसाइट्स की डिजाइन आमतौर पर प्रोफेशनल्स की मदद से और अच्छी तरह से बनाई गई होती है. अगर वेबसाइट का डिजाइन खराब है, या इसमें गलतियां हैं, तो यह एक नकली वेबसाइट हो सकती है.
वेबसाइट का कंटेंट
असली वेबसाइट्स का कंटेंट भरोसेमंद और सर्टिफाइड होता है. यदि वेबसाइट के कंटेंट में गलत जानकारी या एरर हैं, तो यह एक नकली वेबसाइट हो सकती है.
वेबसाइट की सेफ्टी
ऑरिजनल वेबसाइट्स में आमतौर पर सिक्योर कनेक्शन होता है. अगर वेबसाइट के एड्रेस में HTTPS नहीं है, तो यह एक नकली वेबसाइट हो सकती है.
वेबसाइट पर मौजूद कॉन्टेक्ट डिटेल
असली वेबसाइट्स पर आमतौर पर कंपनी या ऑर्गेनाइजेशन का पता, फोन नंबर और ईमेल एड्रेस दिया होता है. अगर वेबसाइट पर कोई कॉन्टेक्ट डिटेल नहीं है, या अगर कॉन्टेक्ट डिटेल गलत या क्लियर नहीं है, तो यह एक नकली वेबसाइट हो सकती है.
वेबसाइट पर मौजूद सोशल मीडिया लिंक
असली वेबसाइट्स पर आमतौर पर कंपनी या ऑर्गेनाइजेशन के सोशल मीडिया पेज के लिंक होते हैं. यदि वेबसाइट पर कोई सोशल मीडिया लिंक नहीं है, या लिंक असली नहीं हैं, तो यह एक नकली वेबसाइट हो सकती है.
यदि आप किसी वेबसाइट के असली होने के बारे में श्योर नहीं हैं, तो आप उस कंपनी या ऑर्गेनाइजेशन के बारे में ऑनलाइन रिसर्च कर सकते हैं. आप Google या दूसरे सर्च इंजनों में कंपनी/ ऑर्गेनाइजेशन का नाम खोज सकते हैं. आप कंपनी या ऑर्गेनाइजेशन के सोशल मीडिया पेज को भी देख सकते हैं.
नकली वेबसाइट्स से बचने के लिए करें ये काम
अपने ब्राउजर में सेफ्टी सेटिंग्स को इनेबल करें.
अनजान लोगों की तरफ से भेजे गए लिंक पर क्लिक करने से बचें.
वेबसाइट्स पर अपनी पर्सनल जानकारी शेयर करने से पहले सावधानी बरतें.