गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि भारत सरकार ने म्यांमार की खुली हुई सीमा की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाने के बारे में सोच रही है. उन्होंने बताया कि म्यांमार सीमा पर लोगों की मुक्त आवाजाही रोकने के लिए जल्द ही बाड़ लगाई जाएगी ताकि इसे बांग्लादेश की सीमा की तरह सुरक्षित किया जा सके.असम के समारोह के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने भारत-म्यांमार की खुली हुई सीमा को और सुरक्षित किए जाने की घोषणा की. घोषणा के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार म्यांमार में मुक्त आवाजाही के समझौते पर दोबारा सोच- विचार कर रही है और जल्द ही इस अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर फ्री मूवमेंट को रोका जा सकता है. उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि भारत-म्यांमार की खुली हुई सीमा को नुकीले बाड़ लगाकर घेर दिया जाएगा, जिससे इसे बांग्लादेश की सीमा की तरह सुरक्षित बनाया जा सके.क्या है मुक्त आवाजाही समझौता
मुक्त आवाजाही के समझौते के मुताबिक, इस सीमा के दोनों तरफ रहने वाले लोग एक-दूसरे के क्षेत्र मेे कुछ दूर तक जा सकते हैं, इसके लिए उन्हें वीजा की जरूरत नहीं है. फ्री मूवमेंट के दौरान दोनों देशों के लोगएक-दूसरे के क्षेत्र में लगभग 16 किलोमीटर अंदर तक यात्रा कर सकते हैं. भारत के चार राज्य अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम म्यांमार के साथ 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं.म्यांमार से 31,000 से ज्यादा लोग आए थे भारतम्यांमार में फरवरी 2021 में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद वहां से लगभग 31,000 से ज्यादा लोग भारत के मिजोरम और मणिपुर भाग आए थे, इनमें से ज्यादातर लोग म्यांमार के चिन राज्य से थे.
साथ ही साल 2023 में म्यांमार और मिलिशिया समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स में भीषण मुठभेड़ हुई, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तैनात म्यांमार के 45 सैनिक भाग कर मिजोरम आ गए, जिन्हें बाद में वापस भेज दिया गया.10 साल में देश की बदली कानून व्यवस्थाअमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के राज में पिछले 10 साल में देश की कानून-व्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है.
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर भी निशाना साधा और कहा कि बीजेपी सरकार में रोजगार के लिए पैसे नहीं देने पड़ते जबकि कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान सरकारी नौकरियां पाने के लिए कई लोगों को रिश्वत देनी पड़ी है.अमित शाह ने कमांडो को दी बधाईगृहमंत्री अमित शाह असम के पांच नवगठित पुलिस कमांडो बटालियन के पहले बैच की पासिंग आउट परेड में शामिल हुए, जहां उन्होंने बल में शामिल किए गए 2,551 कमांडो को बधाई देते हुए कहा कि असम पुलिस को विभाजन के दौरान दंगे, शरणार्थी समस्या, घुसपैठ, बांग्लादेश मुक्ति युद्ध, उग्रवाद और नशीली दवाओं की समस्या जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है.