नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि वैसे अकाउंट जो निष्क्रिय हैं यानी जिसमें दो साल से ज्यादा समय से कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है, उनपर न्यूनतम शेष राशि नहीं रखने पर जुर्माना नहीं लगा सकते। साथ ही यह भी कहा है कि बैंक छात्रवृत्ति राशि या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर पाने के लिए बनाए गए अकाउंट्स को निष्क्रिय के रूप में वर्गीकृत नहीं कर सकते हैं, भले ही उनका इस्तेमाल दो सालों से ज्यादा समय तक न किया गया हो।
RBI के नए नियम में और क्या है-
आरबीआई ने ये भी कहा कि बैंक स्कॉलरशिप या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर पाने के लिए खोले गए खातों को निष्क्रिय के रूप में क्लासिफाई नहीं कर सकते हैं. भले ही इन खातों का इस्तेमाल दो साल से अधिक समय तक नहीं किया गया हो. आरबीआई का निष्क्रिय खातों के लिए एक सर्कुलर जारी किया है. जिसके जरिए बैंकों को निर्देश दिए गए हैं.
आरबीआई ने अपने सर्कुलर में कहा कि इन निर्देशों से बैंकिंग सिस्टम में अनक्लेम्ड डिपॉजिट को कम करना और ऐसी रकम को उनके सही दावेदारों को वापस करने की कोशिश की गई है.
कस्टर से कैसे संपर्क करें बैंक-
आरबीआई के नए नियम के मुताबिक बैंकों को कस्टमर को एसएमएस, लेटर या मेल के जरिए उनके खातों को निष्क्रिय होने की जानकारी देनी होगी. इस सर्कुलर में बैंकों से ये भी कहा गया है कि अगर कोई निष्क्रिय खाते का मालिक जवाब नहीं देता है तो बैंक उस व्यक्ति से संपर्क करें, जो खाताधारक या खाताधारक के नॉमिनी का परिचय कराया था.
आरबीआई के नए सर्कुलर के मुताबिक बैंकों को निष्क्रिय किए गए खातों में मिनिमम बैलेंस मेनटेन नहीं करने पर पेनाल्टी लगाने की इजाजत नहीं दी गई है.नियम के मुताबिक निष्क्रिय खातों को एक्टिव करने के लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा.
आरबीआई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2023 तक अनकलेम्ड डिपॉजिट में 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और ये 42272 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है. वो डिपॉजिट अकाउंट्स, जो 10 साल या उससे अधिक समय से ऑपरेट नहीं किया गया है, उसके बैलेंस को बैंक आरबीआई की डिपॉजिटर और एजुकेशन अवेयरनेस फंड में ट्रांसफर करेंगे.
इससे पहले आरबीआई ने बैंकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर पेनाल्टी चार्ज लगने के कारण खातों में बैलेंस निगेटिव ना हो जाए. इसके बाद भी कई बैंक लगातार पेनाल्टी लगाते रहे हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज लोन और ईएमआई को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। बैंक ने लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत का खबर दी है। बैंक ने पीनल चार्ज और ब्याज दरों को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। पीनल चार्जेज और ब्याज दरों में ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए नए नियम बनाए हैं। और यह नियम 1 तारीख से लागू हो चुके हैं।
जानिये क्यों बदला नियम
आरबीआई ने कहा कि कई उधारकर्ता की तरफ से उन शर्तों के साथ चूक या गैर-अनुपालन के मामले में पीनल चार्ज का इस्तेमाल करते हैं। यह उन शर्तों पर भी लागू होता है जिसके तहत कोई लोन मिलता है। बैंक को अनुशासन बनाए रखने के लिए आरबीआई ने कहा के बैंक पीनल चार्ज को कमाई का जरिया ना बनाए। कई संस्था पीनल चार्ज के जरिये पैसे कमाते हैं। इन्हीं बातों का ध्यान रखते हुए केंद्रीय बैंक ने यह गाइडलाइन जारी की है।