वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट में सेना को मजबूत करने के लिए डिफेंस में इजाफा किया है. इस बजट को देखकर चीन और पाकिस्तान भी सकते में आ गए हैं. ये बढ़ोतरी 6.17 फीसदी की गई है. वास्तव में ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर चीन के साथ चल रहे गतिरोध और पिछले साल जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर कई आतंकी हमलों की वजह से फैसला लिया गया है.इसके अलावा, आले वाले वित्त वर्ष के रक्षा बजट में सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना को कितना बजट ऐलोकेट किया गया है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कुल रक्षा बजट 6.2 लाख करोड़ रुपए है, जिसमें 1.41 लाख करोड़ रुपए की डिफेंस पेंशन भी शामिल है – जो पिछले वित्त वर्ष में आवंटित 5.94 लाख करोड़ रुपए से केवल 4.3 फीसदी ज्यादा है.
खास बात तो ये है कि इस बार डिफेंस बजट की देश के कुल बजट में 13.04 फीसदी हिस्सेदारी होने वाली है.डिफेंस में इनोवेशन में जोरअपने बजट भाषण में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टेक सेवी यूथ या कंपनियों को डीप टेक्नोलॉजी के लिए लांग टर्म लोन देने की घोषणा की है. इसके लिए सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए के कोष का ऐलान किया है. साथ ही डिफेंस सेक्टर में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट-अप को टैक्स बेनिफिट दिया है. 2024-25 के लिए तीनों डिफेंस सर्विसेज के लिए कैपिटल बजट ऐलोकेशन 1.72 लाख करोड़ रुपए है – जो पिछले वित्त वर्ष में 1.62 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है. सूत्रों के अनुसार, डिफेंस बजट में मामूली इजाफे का प्रमुख कारण आर्म्ड फोर्सेस द्वारा लिमिटेड नए कांट्रैक्ट पर साइन करना और शेड्यूल पेमेंट और डिलिवरी में कमी है. यह 2023-24 के कैपिटल बजट के 1.57 लाख करोड़ रुपए के रिवाइज्ड एस्टीमेट में भी रिफ्लेक्ट हो रहा है, जो वित्तीय वर्ष में आवंटित 1.62 लाख करोड़ रुपए से कम था.
डिफेंस का ओवरऑल रेवेन्यू बजटरक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इस बजट से मौजूदा एसयू-30 बेड़े को और बड़ा किया जाएगा. साथ ही मौजूदा मिग-29 के लिए एडवांस इंजन का अधिग्रहण, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-295 और मिसाइल सिस्टम के अधिग्रहण को फंड किया जाएगा. जानकारी के अनुसार डेक-बेस्ड फाइटर प्लेन, सबमरी, जेन नेक्स्ट के सर्वे वेसल्स जैसे प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जाएगा. यहां तक कि डिफेंस का ओवरऑल रेवेन्यू बजट, जिसमें आर्म्ड फोर्सेस की सैलरी और अलाउंस के साथ फ्यूल, गोला-बारूद और असेट्स के मेंटेनेंस का खर्च भी शामिल है.इन तमाम चीजों के लिए 2.82 लाख करोड़ रुपए का बजट ऐलोकेट किया गया है. जो पिछले वित्त वर्ष में 2.7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा थोड़ा ज्यादा है. इसमें तीनों सेनाओं के तहत अग्निपथ योजना के लिए 5,979 करोड़ रुपए का आवंटन भी शामिल है.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सैलरी से अलग रेवेन्यू एक्सपेंडिचर के लिए 92,088 करोड़ रुपए तय किया गया है, जोकि वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले 48 फीसदी ज्यादा है.पेंशन में बजट में इजाफाडिफेंस पेंशन बजट में लगभग दो फीसदी का इजाफा देखने को मिला और 1.41 लाख करोड़ रुपये हो गया. वन रैंक वन पेंशन स्कीम में रिविजन के साथ बढ़ी हुई पेंशन और 28,138 करोड़ रुपये के बकाया को देखते हुए पिछले वित्त वर्ष में इसमें 16 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई थी. बजट की अन्य मुख्य बातों में पिछले तीन सालों में सीमावर्ती इलाकों में इंफ्रा डेवलपमेंट में तेजी देखने को मिली है. इस साल डिफेंस मिनिस्ट्री के तहत बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के वर्क बजट में 30 फीसदी की बढ़ोतरी कर 6,500 करोड़ रुपए का इजाफा किया गया है.इनके बजट में बढ़ोतरीबजट में 13,700 फीट की ऊंचाई पर लद्दाख में न्योमा हवाई क्षेत्र का विकास, अंडमान और निकोबार द्वीप में भारत की सबसे दक्षिणी पंचायत के लिए स्थायी पुल कनेक्टिविटी, हिमाचल प्रदेश में 4.1 किमी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शिंकू ला सुरंग, अरुणाचल प्रदेश में नेचिपु सुरंग और कई प्रोजेक्ट्स शामिल हैं.
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इंडियन कोस्ट गार्ड (ICG) को 7,651.8 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, जो 2023-24 के आवंटन से 6.31 फीसदी अधिक है.इसमें से 3,500 करोड़ रुपए सिर्फ कैपेक्स पर खर्च किये जाने हैं. 2024-25 के लिए पूर्व सैनिक कल्याण योजना का कुल आवंटन पिछले वित्त वर्ष के लिए किए गए आवंटन से 28 फीसदी ज्यादा है और 6,968 करोड़ रुपए है.