*मध्यप्रदेश:-* फरवरी का महीना प्रेम के लिए बहुत ही खास माना जाता है. क्योंकि इस महीने वैलेंटाइन डे होता है और इसी महीने से बसंत ऋतु की शुरुआत भी होती है, जो सभी माह में सबसे खूबसूरत होता है. इसलिए फरवरी को प्यार का महीना भी कहते हैं. वहीं 7-14 फरवरी तक वैलेंटाइन वीक होता है, जिसे प्यार वाला सप्ताह कहते हैं और 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है.लेकिन प्यार वाले इस सप्ताह ऐसे लोगों दुखी रहते हैं, जिनके जीवन में कोई प्रेमी, प्रेमिका या पार्टनर नहीं होते. वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें तमाम कोशिशों के बाद भी प्यार में बार-बार असफलता मिलती है. ऐसे में उनका प्रेमी जीवन नीरस हो जाता है. ज्योतिष से अनुसार प्यार में बार-बार असफलता का एक कारण ग्रहों की खराब स्थिति भी होती है. क्योंकि कुछ ऐसे ग्रह होते हैं, जिनका संबंध प्रेम से होता है. ऐसे में यदि किसी जातक की कुंडली में यह ग्रह शुभ नहीं होते तो प्यार में सफलता नहीं मिल पाती है. आइये जानते हैं किस ग्रह का होता है प्रेम से संबंध और किन उपायों से करें इसे मजबूत.इस ग्रह का होता है प्रेम से संबंधज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह को प्रेम, काम-वासना, वैवाहिक जीवन, भोग-विलास और रोमांस का कारक ग्रह माना जाता है. जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, उन्हें शुक्र से शुभ फल की प्राप्ति होती है. ऐसे लोगों को अपने पार्टनर या जीवनसाथी से खूब प्यार मिलता है. वहीं इसके विपरीत शुक्र ग्रह के कमजोर या पीड़ित होने पर वैवाहिक और प्रेमी जीवन में बहुत परेशानियां रहती है. यदि आपके प्रेमी जीवन में भी परेशानियां चल रही हैं या फिर प्यार में बार-बार असफलता मिलती है तो ये उपाय जरूर करें. इन उपायों से प्रेम संबंध मजबूत होते हैं.*इन कारणों से आती है लव लाइफ में दिक्कत*कुंडली के सातवें घर को विवाह का स्थान माना जाता है. इस घर पर में यदि पाप ग्रह जैसे शनि, मंगल, राहु, केतु की दृष्टि हो या शुक्र ग्रह की इस घर में शनि, मंगल, सूर्य के साथ युति बने तो भी प्रेमी जीवन में परेशानियां रहती हैं.कुंडली के सप्ताम भाव में शुक्र नीच राशि कन्या में हों तब भी प्रेमी जीवन में बार-बार समस्याएं आती हैं.इसी तरह कुंडली का पांचवा घर प्रेम का स्थान माना जाता है. यदि यहां सिंह राशि हो और सूर्य शुक्र के साथ कुंडली में हों, तब भी प्यार की नैया मंजिल तक पहुंचने में परेशानी होती है.पंचम भाव के स्वामी त्रिक भाव यानी 6, 8, 12 में से किसी भाव में हों और पंचम भाव में शनि, मंगल, सूर्य में से किसी एक की दृष्टि रहे तो भी प्यार में सफलता नहीं मिलती.शुक्र पंचम या फिर द्वादश भाव में अग्नि तत्व की राशियां जैसे मेष, सिंह और धनु में किसी के साथ विराजित हों और किसी शुभ ग्रह का प्रभाव न रहे तो भी प्रेमी जीवन में बाधाएं लगी रहती हैं.इस तरह से आपके लव लाइफ का सारा खेल कुंडली के पांचवे, सातवें और शुक्र ग्रह की स्थिति पर निर्भर करता है, जिसका शुभ-अशुभ प्रभाव आपके प्रेमी जीवन और वैवाहिक जीवन पर पड़ता है.इन उपायों से मजबूत बनाएं रिश्ता किसी ज्योतिष की सलाह से शुक्र ग्रह से संबंधित रत्न धारण करें. इसके अलावा आप स्टफिक या रुद्राक्ष की माला से ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें.यदि पार्टनर के साथ अक्सर वाद-विवाद जैसी स्थिति रहती है तो शुक्रवार के दिन कामदेव-रति की पूजा करें. आप ‘ओम कामदेवाय विद्यहे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात’ मंत्र का जाप करें.ज्योतिष के अनुसार कुंडली में 5वां घर प्रेम का होता है. अगर इस घर को मजबूत कर लिया जाए तो पार्टनर से जीवनभर प्रेम मिलता है.इसके साथ ही आप वैलेंटाइन वीक में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा. अपने पार्टनर या जीवनसाथी के साथ समय बिताएं, उन्हें तोहफे आदि दें।