यूपी की योगी सरकार ने मथुरा और वृंदावन में 10 किलोमीटर के क्षेत्र को तीर्थस्थल घोषित कर दिया है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान को केंद्र में रखकर 10 किलोमीटर वर्ग मीटर के क्षेत्र को तीर्थस्थल घोषित किया गया है। अब इस क्षेत्र में मांस और शराब की बिक्री पर पूरी तरह रोक रहेगी। तीर्थस्थल घोषित किए गए इलाके में नगर निगम के 22 वार्ड हैं। योगी सरकार लगातार तीर्थस्थलों के विकास के काम में लगी है। अयोध्या, वाराणसी, मथुरा में सुविधाएं बेहतर की जा रही हैं।
इससे पहले सीएम योगी जन्माष्टमी के दिन मथुरा आए थे और कहा था कि मथुरा के वृन्दावन, गोवर्धन, नन्दगांव, बरसाना, गोकुल, महावन एवं बलदेव में जल्द ही मांस और शराब की बिक्री बंद होगी। इन कार्यों में लगे लोगों का अन्य व्यवसायों में पुनर्वास किया जाएगा। मथुरा में कृष्णोत्सव कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां का भौतिक विकास हो पर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को भी बचाए रखना है, क्योंकि यही देशवासियों की पहचान है।
यूपी में सरकार बनाते ही योगी सरकार ने तीर्थस्थल घोषित करने की कवायद शुरू कर दी थी। अक्तूबर 2017 में कृष्ण की नगरी वृंदावन और राधा की जन्मस्थली बरसाना को तीर्थस्थल घोषित करने की घोषणा हुई थी। यह भी कहा गया था कि सभी सात स्थलों को तीर्थस्थल घोषित किया जाएगा। वृन्दावन में हर साल डेढ़ करोड़ तो बरसाना में 60 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं।
धर्मार्थ कार्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में अभी सात स्थलों वृन्दावन, गोवर्धन, नन्दगांव, बरसाना, गोकुल, महावन एवं बलदेव को तीर्थस्थल क्षेत्र का दर्जा दिया गया है। ये सभी के सभी मथुरा के ही हैं। वैसे तो प्रदेश में धार्मिक नगरी कई हैं लेकिन सरकार द्वारा औपचारिक तौर पर घोषित तीर्थस्थल क्षेत्र मथुरा के यही सात हैं।