कुछ ही दिनों में बोर्ड एग्जाम शुरू होने वाले हैं, ऐसे में बच्चों के दिमाग में टेंशन घर बना लेती है. कई बच्चे तो इतना ज्यादा परेशान हो जाते हैं कि वह ठीक से खाना भी नहीं खाते हैं जिसकी वजह से उनकी सेहत भी बिगड़ जाती है. दरअसल, बोर्ड एग्जाम बच्चों की जिंदगी में खास महत्व होता है. इसमें प्राप्त किए गए अंकों पर ही अधिकतर बच्चों का फ्यूचर टिका होता है. वहीं देखा जाता है कि कुछ बच्चे बिलकुल टेंशन फ्री होकर एग्जाम देते हैं. टेंशन लेने वाले बच्चों के मुकाबले ये बच्चे ज्यादा हेल्दी भी रहते हैं और एग्जाम में कई बार उनसे अच्छे नंबर से भी पास हो जाते हैं. कई बार ऐसा भी देखा गया है कि बच्चों के एग्जाम की ज्यादा टेंशन उनसे ज्यादा उनके अभिभावकों को होती है. इस चक्कर में वह कई बार बच्चों के उपर अनायास प्रेशर बनाने लग जाते हैं जिससे बच्चे पढ़ाई पर ठीक से ध्यान नहीं दे पाते हैं.
1.टाइम टेबल बनाएंएग्जाम से लगभग एक महीना पहले ही बच्चों को एक तय टाइम टेबल में ढाल दें. एग्जाम से ठीक पहले उनके दिनचर्या में कोई बदलाव न करें. एकदम से बदलाव करने से उनका सारा रुटीन बिगड़ जाएगा और वो बीमार भी पड़ सकती हैं. इस दौरान उन्हें हर तरह के स्ट्रेस और घरेलू बातों से भी दूर रखें. बच्चों को टाइम पर अपना सिलेबस खत्म करने में सहायता करें जिससे उनके पास रिविजन करने का समय बचेगा. इससे वह एग्जाम हॉल में परेशान नहीं होंगे और आसानी से पेपर हल कर पाएंगे.
2.कठिन सवाल में समय न बिताएंबच्चों को अपने साथ घर में सैंपल पेपर सॉल्व करवाएं, इस दौरान उन्हें जिस सवाल को हल करने में परेशानी हो रही हो उन्हें अंत में करने के लिए कहें. बच्चों को बताएं कि पहले वो उन प्रेशन को हल कर लें जो उन्हें अच्छे से आता है.ऐसी प्रैक्टिस करवाने से बच्चे एग्जाम में कठिन सवालों को देखकर घबराएंगे नहीं और शांतिपूर्वक ध्यान से सारे सवाल हल करके आएंगे.
3.रोज मेडिटेशन करने की आदत डालेंबच्चों को रोज पढ़ने के लिए कहने के साथ उन्हें मेडिटेशन करने के लिए भी कहें. ऐसा करने से वो मानसिक रूप से परेशान नहीं होंगे और कूल माइंड से पेपर हल कर पाएंगे. रोजाना मेडिटेशन करने से बच्चे न सिर्फ मेंटली बल्कि फिजिकली भी फिट रहेंगे. बच्चों को रोज सुबह एक्सरसाइज के लिए भी लेकर जाएं.