नई दिल्ली. फिच रेटिंग्स ने मजबूत घरेलू मांग और व्यापार एवं उपभोक्ता भरोसे में सुधार के कारण अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के अपने अनुमान को बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है. पहले यह 6.5 फीसदी था. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान देश की अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. ऐसे में फिच का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहेगी।
यह सरकार के 7.6 प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा अधिक है.रेटिंग एजेंसी ने अपने नवीनतम ‘वैश्विक आर्थिक परिदृश्य’ में कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि घरेलू मांग के साथ तिमाही अनुमानों से बेहतर प्रदर्शन कर रही है. निवेश वृद्धि सालाना आधार पर 10.6 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि निजी खपत 3.5 प्रतिशत ऊंची रही है. इसके साथ ही फिच रेटिंग्स ने 2024 के लिए अपने वैश्विक वृद्धि के अनुमान को भी 0.3 प्रतिशत अंक बढ़ाकर 2.4 प्रतिशत कर दिया है.
रेटिंग एजेंसी का मानना है कि निकट भविष्य में वृद्धि की संभावनाओं में सुधार हुआ हैचीन-अमेरिका से आगेफिच रेटिंग्स ने अमेरिका की वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 2.1 प्रतिशत कर दिया है. दिसंबर, 2023 के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में यह अनुमान 1.2 प्रतिशत का था. इसमें कहा गया, ‘‘अमेरिका की वृद्धि की संभावनाएं बेहतर होने से चीन के वृद्धि अनुमान में मामूली कटौती का असर नहीं पड़ा है. चीन के वृद्धि दर के अनुमान को 4.6 से घटाकर 4.5 प्रतिशत किया गया है.’’ इसके साथ ही फिच रेटिंग्स ने यूरो क्षेत्र के वृद्धि के अनुमान को 0.7 प्रतिशत से संशोधित कर 0.6 प्रतिशत कर दिया है.
इससे पहले मूडीज रेटिंग्स ने पूंजीगत व्यय और घरेलू खपत में तेजी को देखते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर का अनुमान 6.6 प्रतिशत से बढ़ाकर करीब आठ प्रतिशत कर दिया था. यह अनुमान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के बयान के एक दिन बाद आया था. बयान में उन्होंने कहा था कि तीसरी तिमाही के आधिकारिक जीडीपी आंकड़ों को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि आठ प्रतिशत के करीब हो सकती है. मूडीज का ताजा अनुमान नवंबर 2023 में जताये गये 6.6 प्रतिशत के अनुमान से 1.40 प्रतिशत अधिक है.