)मानसून आने के साथ ही कई राज्यों में तेज बारिश के साथ आसमानी बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ चुकी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आसमानी बिजली क्यों गिरती है और बादल क्यों गरजता है.बारिश के समय अक्सर बहुत तेज बादल गरजते हैं. बादल गरजने की घटनाओं को लेकर कहा जाता है कि इसके साथ ही बिजली गिरती है.
1/7बता दें कि बारिश के मौसम में अक्सर आसमानी बिजली गिरने से बड़े हादसे होते हैं. इतना ही नहीं बादलों की तेज गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर भी हर कोई डर जाता है. इसके अलावा कई बार बिजली गिरने से कई लोगों की मौत हो जाती है.बता दें कि बारिश के मौसम में अक्सर आसमानी बिजली गिरने से बड़े हादसे होते हैं. इतना ही नहीं बादलों की तेज गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर भी हर कोई डर जाता है. इसके अलावा कई बार बिजली गिरने से कई लोगों की मौत हो जाती है.
2/7लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर बादलों के बीच यह बिजली बनती कैसे है? आइए जानते हैं कि आसमान में बादलों के बीच क्यों गड़गड़ाहट होती है और बिजली कैसे बनती है?लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर बादलों के बीच यह बिजली बनती कैसे है? आइए जानते हैं कि आसमान में बादलों के बीच क्यों गड़गड़ाहट होती है और बिजली कैसे बनती है?
3/7जानकारी के मुताबिक साल 1872 में वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने पहली बार बादलों के बीच बिजली चमकने की सही वजह बताई थी. उन्होंने बताया था कि बादलों में पानी के छोट-छोटे कण होते हैं, जो वायु की रगड़ की वजह से आवेशित हो जाते हैं. कुछ बादलों पर पॉजिटिव चार्ज हो जाता है, तो कुछ पर निगेटिव चार्ज होता है.जानकारी के मुताबिक साल 1872 में वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने पहली बार बादलों के बीच बिजली चमकने की सही वजह बताई थी. उन्होंने बताया था कि बादलों में पानी के छोट-छोटे कण होते हैं, जो वायु की रगड़ की वजह से आवेशित हो जाते हैं. कुछ बादलों पर पॉजिटिव चार्ज हो जाता है, तो कुछ पर निगेटिव चार्ज होता है.
4/7बता दें कि आसमान में जब दोनों तरह के चार्ज वाले बादल एक दूसरे से टकराते हैं, उस वक्त लाखों वोल्ट की बिजली उत्पन्न होती है. कभी-कभी इस तरह उत्पन्न होने वाली बिजली इतनी अधिक होती है कि धरती तक पहुंच जाती है. इस घटना को ही बिजली गिरना कहा जाता है.बता दें कि आसमान में जब दोनों तरह के चार्ज वाले बादल एक दूसरे से टकराते हैं, उस वक्त लाखों वोल्ट की बिजली उत्पन्न होती है. कभी-कभी इस तरह उत्पन्न होने वाली बिजली इतनी अधिक होती है कि धरती तक पहुंच जाती है. इस घटना को ही बिजली गिरना कहा जाता है
.5/7अब सवाल ये है कि बादल क्यों गरजते हैं. बता दें कि जब आसमान में इस तरह बिजली पैदा होती है, तो बादलों के बीच जो जगह रहती है, वहां पर बिजली की धारा बहने लगती है. इससे बड़े पैमाने पर चमक उत्पन्न होती है. जिसकी वजह से आसमान में बादलों के बीच चमक नजर आती है. वहीं बिजली की धारा बहने की वजह से बहुत अधिक मात्रा में गर्मी पैदा होती है, जिससे ये वायु फैलता है और इससे करोड़ों कणों की आपस में टक्कर होती है. इससे बादलों के बीच गड़गड़ाहट पैदा होती है, जिसकी आवाज धरती पर सुनाई देती है.अब सवाल ये है कि बादल क्यों गरजते हैं. बता दें कि जब आसमान में इस तरह बिजली पैदा होती है, तो बादलों के बीच जो जगह रहती है, वहां पर बिजली की धारा बहने लगती है. इससे बड़े पैमाने पर चमक उत्पन्न होती है. जिसकी वजह से आसमान में बादलों के बीच चमक नजर आती है. वहीं बिजली की धारा बहने की वजह से बहुत अधिक मात्रा में गर्मी पैदा होती है, जिससे ये वायु फैलता है और इससे करोड़ों कणों की आपस में टक्कर होती है. इससे बादलों के बीच गड़गड़ाहट पैदा होती है, जिसकी आवाज धरती पर सुनाई देती है
.6/7वहीं आपने देखा होगा कि बिजली की चमक और गड़गड़ाहट एक साथ होती है. हालांकि बिजली की चमक पहले दिखती है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि प्रकाश की गति ध्वनि से बहुत ज्यादा तेज होती है. प्रकाश की गति 30,0000 किलोमीटर प्रति सेकेंड होती है, तो वहीं ध्वनि की गति 332 मीटर प्रति सेकेंड होती है.वहीं आपने देखा होगा कि बिजली की चमक और गड़गड़ाहट एक साथ होती है. हालांकि बिजली की चमक पहले दिखती है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि प्रकाश की गति ध्वनि से बहुत ज्यादा तेज होती है. प्रकाश की गति 30,0000 किलोमीटर प्रति सेकेंड होती है, तो वहीं ध्वनि की गति 332 मीटर प्रति सेकेंड होती है.
7/7इसके अलावा आकाशीय बिजली गिरने का खतरा सबसे अधिक खेतों में काम करने वाले लोगों पर, पेड़ों पर, तालाब में नहाते समय लोगों पर बिजली गिरने वालों पर होता है. इसके अलावा बिजली के चमकने पर घर के अंदर बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहना चाहिए. इसके अलावा फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.इसके अलावा आकाशीय बिजली गिरने का खतरा सबसे अधिक खेतों में काम करने वाले लोगों पर, पेड़ों पर, तालाब में नहाते समय लोगों पर बिजली गिरने वालों पर होता है.