: हाथरस भगदड़ में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई है. मृतकों में ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं. बड़ी संख्या में लोग घायल हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2000 से लेकर 2013 तक, इस तरह के भगदड़ में करीब 2,000 लोग मारे गए हैं.
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (IJDRR) में पब्लिश 2013 के एक अध्ययन में बताया गया है कि भारत में 79% भगदड़ धार्मिक सभाओं और तीर्थ यात्राओं की वजह से ही होती है. अन्य विकासशील देशों का भी लगभग ऐसा ही हाल है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर भगदड़ के दौरान ऐसा क्या होता है, जिससे मौत हो जाती है, दम घुटने की वजह क्या होती है. आइए जानते हैं…धार्मिक आयोजनों में भगदड़ का क्या कारण होता है
किसी भी आयोजन में भगदड़ के दो मुख्य कारण हो सकते हैं. पहला ज्यादा भीड़ और दूसरा आयोजन स्थल पर बाहर निकलने की सही व्यवस्था न होना. ज्यादा भीड़ की वजह से लोग एक दूसरे से टकराते हैं और सांस लेने में दिक्कतें होने लगती हैं. जिसकी वजह से उनके शरीर को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है और वे तुरंत बेहोश होकर गिर जाते हैं. इस तरह के भीड़ में उठने का मौका बहुत ही कम मिल पाता है.
भगदड़ से मौत का कारण क्या है1. बोन इंजरीहेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भगदड़ में मौत का एक कारण नेक बोन इंजरी भी होती है. भगदड़ के दौरान जब कोई व्यक्ति गिर जाता है तो भीड़ उसे कुचल देती है. इस दौरान गिरे हुए व्यवक्ति की गर्दन या छाती पर ज्यादा वजन आता है. इससे गर्दन की हड्डी टूट सकती है और उसकी मौत हो सकती है. यही कारण है कि भगदड़ के दौरान इतनी मौतें हो जाती हैं
.2. कंप्रेसिव एस्फिक्सिया हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गर्दन की हड्डी टूटने के अलावा कंप्रेसिव एस्फिक्सिया भी मौत की वजह बन सकती है. यह ऐसी कंडीशन है, जब शरीर पर पड़े दबाव की वजह से सांस नहीं आती, दम घुटने लगता है और नीचे गिरे शख्स की मौत हो जाती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भगदड़ के दौरान छाती पर पैर रखे जाते हैं.इसके कारण लंग्स के पास डायाफ्राम सिकुड़ने यानी कसने लगता है, सपाट होने पर यह सही तरह काम नहीं कर पाता है और शरीर में ऑक्सीजन नहीं जा पाता है, न ही ब्रेन तक उसकी सप्लाई हो जाती है. जिसकी वजह से ब्रेन डेड हो जाता है और उसकी मौत हो जाती है.