नई दिल्ली:– केंद्र में एक बार फिर से नरेंद्र मोदी सरकार बन गई। लेकिन आम आदमी को झटका लगना चालू है। वह इसलिए, क्योंकि बीते जून में आलू 59 फीसदी, प्याज 46 फीसदी और टमाटर 30 फीसदी महंगा हो गया। यही नहीं, इस महीने चावल की कीमतें भी 13 फीसदी बढ़ी हैं। इस वजह से इस एक गृहस्थ की वेज या शाकाहारी थाली तैयार करने कीमत में 10 फीसदी का इजाफा हो गया। हालांकि इसी महीने ब्रॉयलर चिकन सस्ता होने की वजह से नॉन-वेज या मांसाहारी थाली की कीमत चार फीसदी घटी है।
इस समय शाक-सब्जी खाने वालों की आफत है। क्योंकि वेज थाली लगातार महंगी हो रही है। बीते जून महीने में एक औसत गृहस्थ के घर में वेज थाली तैयार करने की लागत फिर से बढ़ गई है। इस महीने इसकी लागत में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसकी वजह आलू-प्याज, टमाटर से लेकर चावल-दाल सबका महंगा होना है। हां, इस महीने चिकन के दाम में गिरावट की वजह से नॉन वेज थाली तैयार करने का खर्च चार फीसदी कम हो गया। यह तुलना पिछले वर्ष के इसी महीने की लागत से की गई है।
बीते जून महीने में वेज थाली और नॉन-वेज थाली के महंगे होने के बारे में रिपोर्ट क्रिसिल की तरफ से आई है। शुक्रवार को क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस CRISIL MI&A Research ने अपनी मासिक “Rice Roti Rate” रिपोर्ट पेश जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार बीते जून महीने में वेज थाली की कीमतों में 10 फीसदी का इजाफा हो गया। इससे पहले बीते मई महीने में भी वेज थाली तैयार करने की कीमतों में नौ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ था। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते जून महीने में भी चिकन सस्ता हुआ है। इस वजह से नॉन-वेज थाली तैयार करने का खर्च चार फीसदी कम हो गया है। इससे पहले बीते मई महीने में भी नॉन-वेज थाली तैयार करने के खर्च में सात फीसदी की गिरावट आई थी। इस रिपोर्ट में क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस ने एक गृहस्थ के घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना की है। यह गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर की गई है।
जून महीने में चावल जहां 13 फीसदी महंगा हुआ वहीं दाल भी 22 फीसदी महंगी हो गई। अरहर दाल की कीमत तो इस महीने खुले बाजार में ढाई सौ रुपये किलो तक पहुंच गया। थाली कीमत तय करने में चावल और दाल की कीमत इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि शाकाहारी थाली की कीमत तय करने में चावल का वेटेज 13 फीसदी जबकि दाल का वेटेज नौ फीसदी है। मतलब कि दोनो मिला कर करीब एक चौथाई फीसदी हो जाता है।
पिछले कई महीनों से मांसाहारियों की मौज है। क्योंकि हर महीने ब्रॉयलर चिकन की कीमत घट रही है। अंडा भी सस्ता हो रहा है। सालाना आधार पर देखें तो बीते जून के महीनों के दौरान चिकन के दाम में 14 फीसदी की गिरावट हुई है। इससे पहले मतलब कि मई महीने में भी चिकन 16 फीसदी सस्ता हुआ था। दरअसल, पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान चिकन खूब महंगा था। इस साल कीमतें लगातार घट रही है।
यदि महीने दर महीने के आधार पर तुलना करें तो बीते महीने वेज और नॉन-वेज, दोनों थाली महंगी हुई है। इस दौरान वेज थाली जहां छह फीसदी महंगी हुई है, वहीं नॉन-वेज थाली चार फीसदी महंगी हुई है। दरअसल, इस महीने चावल महंगा हुआ जो कि वेज और नॉन-वेज, दोनों थाली का अहम हिस्सा है। सब्जी, दाल का उपयोग भी दोनों थाली में हो ही जाता है। टमाटर और प्याज का उपयोग भी शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजन तैयार करने में होता ही है। बीते एक महीने के मुकाबले इस महीने प्याज 15 फीसदी जबकि टमाटर 29 फीसदी महंगा हुआ।