: बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा और आक्रोश के माहौल के बीच लाखों अल्पसंख्यक भय में जी रहे हैं. सोमवार, 5 अगस्त को शेख हसीना की ओर से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद ढाका में बड़े पैमाने पर लूटपाट की गई, अल्पसंख्यकों के घरों को निशाना बनाकर हमला किया गया और मंदिर को आग के हवाले कर दिया गया.
बांग्लादेशी अखबार डेली स्टार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सोमवार, 5 अगस्त को कम से कम 27 जिलों में भीड़ ने हिंदुओं के घरों और दुकानों या व्यापारिक स्थानों पर हमला किया और उनका कीमती सामान भी लूट लिया.मंदिरों में लगाई गई आग
बांग्लादेश के खुलना डिवीजन में स्थित मेहरपुर में एक इस्कॉन मंदिर और एक काली मंदिर में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई. इस्कॉन के प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंदा दास ने ट्वीट किया, “मेहरपुर में हमारा एक इस्कॉन केंद्र (किराए पर) जला दिया गया, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा देवी के देवता भी शामिल थे. केंद्र में रहने वाले तीन भक्त किसी तरह भागने में सफल रहे.”हिंदुओं हो रहे टारगेट किलिंग का शिकारबांग्लादेश की आबादी में हिंदू लगभग 8 प्रतिशत या लगभग 1 करोड़ 30 लाख लोग हैं. 1951 में बांग्लादेश की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 22 फीसदी थी.
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1964 और 2013 के बीच धार्मिक उत्पीड़न के कारण 1 करोड़ 1 लाख से अधिक हिंदू बांग्लादेश से भाग गए. हालिया तनाव में कई बांग्लादेशी हिंदुओं को लक्षित किए जाने की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर देखे जा सकते हैं. बांग्लादेश में एक हिंदू एक्टिविस्ट की ओर से शेयर किए गए एक वीडियो में पिरोजपुर जिले में फंसी एक लड़की मदद की गुहार लगाती दिख रही है. एक अन्य वीडियो में चटगांव के नवग्रह बारी में एक मंदिर को हिंसक भीड़ द्वारा जलाते हुए देखा जा सकता है.’हम कहां जाएंगे?’बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने एक्स पर एक पोस्ट में हिंदू समुदाय के मंदिरों, घरों और प्रतिष्ठानों पर 54 हमलों को सूचीबद्ध किया है.
इनमें इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र भी शामिल है, जो भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है.डेली स्टार से बातचीत में हिंदू संगठन ओइक्या परिषद के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव मोनिंद्र कुमार नाथ ने कहा कि हिंदुओं में हमलों का डर है. मोनिंद्र ने कहा, “वे (हिंदू) रो रहे हैं, कह रहे हैं कि उन्हें पीटा जा रहा है, और उनके घर और व्यवसाय लूटे जा रहे हैं. हमारी गलती क्या है? क्या यह हमारी गलती है कि हम देश के नागरिक हैं?”