* कोरबा /विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पोस्ट मैट्रिक छात्रावास बालक बुधवारी बाजार कोरबा में आदिवासी बालकों को जनोपयोगी कानूनी जानकारी प्रदान किये जाने के संबंध में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त अवसर पर सत्येन्द्र कुमार साहू, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि आज आदिवासी समाज का बच्चा या सदस्य को एक अच्छा अवसर मिलता है तो अच्छा काम करके दिखा सकते हैं। एक आदिवासी समाज का सदस्य राष्ट्रपति एवं मुख्यमंत्री है जो देश एवं राज्य को संभाल रहे है। आप सोच सकते है कि क्या कर सकते है। ये सभी कानूनी दायरे में काम करते हुये किया जा सकता है। अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की जानकारी देते हुये कहा गया कि किसी अप्रिय घटना के कारण अनुसूचित जनजाति के लोगों के विरूद्ध अत्याचार हो जाता है तो इस घटना के फलस्वरूप किसी को क्षर्ति पहुंचती है तो उसके क्षतिपूर्ति के लिये दावा करना चाहिये। जिससे पीड़ित को मुआवजा मिलेगा। मोबाईल का सद्पयोग करें मोबाईल के माध्यम से कोई गलत मैसेज चले गये है, तो उसे निश्चित ही सजा मिलेगी। अपराध नहीं करना है,अपराध से दूर रहना है। आदिवासी समाज में ज्यादातर लोग शराब का सेवन करते है,शराब के कारण न्यायालय में बहुत से प्रकरण चल रहे है,शराब के सेवन से छोटे-छोटे मामलें में व्यक्ति अपना संतुलन खो देता है और हत्या जैसे गंभीर अपराध को कर देता है। इससे हमें दूर रहना चाहिये। ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर देखा गया है कि लोक लुभावन विज्ञापन आता है,जैसे कि एक हजार जमा करों और छह माह में पचास हजार ले लो, ऐसे विज्ञापन से हमें दूर रहना चाहिये। हमें बैंक बीमा इतना पैसा नहीं दे सकता है तो अगला कंपनी कैसे दे देगा। इसमें अपने दिमाग का इस्तेमाल कीजिये और एैसे विज्ञापन से बचे। कोई कंपनी आपको कम मेहनत वाले काम के बदले बहुत अधिक पैसा दे रहा है तो निश्चित ही रूप से वे आगे आपको गैर कानूनी कार्य करा सकता है।
आप कहीं काम करने जाये तो स्पष्ट रूप से पूछे कि आपको क्या काम करना है। जिससे आप भविष्य में होने वाले अपराध से बच जायेगें। खेल का नियम हमें आनंद देता है। हर चीज के लिये नियम बना होता है। जो नियम को तोड़ता है उसे सजा का प्रावधान है। जो सिस्टम बना है उसे संरक्षित रखने का प्रयास करना चाहिये। आपको बताये गये कानूनी जागरूकता का उपयोग अपने दैनिक जीवन में करें। आपमें अभी आगे बढ़नी की असीम संभावना है। आप आगे चलकर बढ़े आदमी,डॉक्टर, इंजीनियर,बड़े किसान बन सकते है। अपना समय का सद्पयोग करें और कानून को समझे और अच्छे से रहें।कृष्ण कुमार सूर्यवंशी,द्वितीय जिला अपर सत्र न्यायाधीश,कोरबा के द्वारा बताया गया कि मोटर दुर्घटना दावा अधिनियम की जानकारी देते हुये कहा गया कि बिना लायसेंस,वाहन के बीमा, वाहन का आर.सी. बुक के साथ ही वाहन का संचालन किया जावें। बीमा समय पर कराया जाना अति आवश्यक है, समय की चूक के गंभीर परिणाम हो जाते है। जब कोई दुर्घटना घटित होती है तो एफ.आई.आर.में दिनांक एवं समय को लिखा जाता है। वाहन का बीमा नहीं होने से संपूर्ण मुआवजा का खर्च वाहन मालिक को देना पड़ता है। बच्चों को मोबाईल का सीमित उपयोग किये जाने का सलाह देते हुये कहा कि स्मार्ट मोबाईल का सद्पयोग किया जावें। बिना पढ़े कोई भी मैसेज फारवर्ड न करें, गलत मैसेज फारवर्ड करने पर साइबर कानून के तहत् अपराधिक मामला पंजीबद्ध किया जा सकता है। नशा करना,नशा का पदार्थ रखना सभी अपराध की श्रेणी में आता है।
कु. डिम्पल,सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा समाज के कमजोर वर्ग के लोग,अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति, महिला,बच्चें,विकलांग,अभिरक्षाधीन बंदी एवं अन्य व्यक्ति जिनकी आय डेढ़ लाख रूपये से कम है उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान किया जाता है। न्यायालय के आपरधिक मामलों के लिये लीगल एड डिफेंस कौंसिल, अनुभवी पैनल अधिवक्ता का पैनल निःशुल्क विधिक सहायता के लिये बना है जो आपको प्रकरण न्यायालय में निःशुल्क लड़ते है।