बता दे कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया के द्वारा एक दो नहीं बल्कि कई सारे बैंकों पर तलवार चली है और उनका लाइसेंस कैंसिल हो चुका है यह सभी एक कोऑपरेटिव बैंक है जिसमें मुंबई की मुंबई सिटी कोऑपरेटिव बैंक और पूर्वांचल कोऑपरेटिव बैंकइन गाज़ीपुर और उत्तर प्रदेशइन सभी का कारण एक मात्र इनके पासपैसा नहीं है और अर्निंग करने का कोई साधन नहीं हैजिससे किया बैंक को आगे बढ़ा सके इसी प्रकार कई सारे और बैंकों को कैंसिल किया जा चुका है इस साल के जनवरी से लगभग 7 से भी ज्यादा बैंक को सरकार के तरफ सेउनका लाइसेंस कैंसल कर दिया गया हैइन सभी के पीछे का कारण है इनके पास पर्याप्त पहचान होना और प्राप्त धन काम ना पाना और उनके पास किसी प्रकार का कोई गारंटी भी नहीं है पैसे वापस करने काअगर वह इसी तरह से कार्य करता रहा तो इनका बैंक के साथ-साथ लोगों का पैसा भी डूब सकता है इसी को बचाने के लिए रिजर्व बैंक आफ इंडिया के द्वारा इन सभी बैंकों का लाइसेंस को कैंसिल कर दिया गया है
आप में से कई सारे लोगों के मन में सवाल होगा कि क्या होगाजिनका पैसा इन बैंकों में था आपको बता दे कि ऐसे लोगों जिनका पैसा इस इन बैंक में था और उनकी धनराशि 5 लख रुपए तक थी तो उन लोगों को पूरा पैसा मिल जाएगा और ₹500000 सभी को होने पर उनको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है रिजर्व बैंक आफ इंडिया के द्वारा तय किए गए इसलिए लिमिट के जरिएलगभगचार पॉइंट 25 करोड़ रूपया अभी तक सभी डिपॉजिटर्स जितने भी जमा करते हैं उन लोगों को दे भी दिया गया है लगभग99.98% जमा कर्ताओं का पैसा मिल जाएगा पूरी तरह से क्योंकि उनका पैसा ₹500000 से कम है बैंक में डिपॉजिट
कोऑपरेटिव बैंक कार्य कैसे करता हैतो आप में से कई सारे लोग कोऑपरेटिव बैंक के बारे में जानना चाहते होंगे क्योंकि आपने प्राइवेट सरकारी बैंक का नाम सुना होगा जैसे आईसीसी एसबीआई इन जैसे बैंकमें आपने पैसा रखा होगा लेकिन यह कोऑपरेटिव बैंक एक समुदाय के लोगों के द्वारा चालू किया जाता है और इसको होने के द्वारा मैनेज भी किया जाता है और रिजर्व बैंक आफ इंडिया के तरफ से इनका लाइसेंस भी मिलती हैयह जो बैंक होता है यह कम्युनिटी को आगे बढ़ाने के लिए और उन लोगों को फाइनेंशली मदद करने के लिए बनाई जाती हैइसमें कई सारे सदस्य होते हैं उन लोगों के कॉरपोरेशन से ही या बैंक चलता हैजिसमें लोन और सेविंग अकाउंट खोले जाते हैं