: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने रविवार को अपनी मां की जान बचाने के लिए नई दिल्ली को धन्यवाद दिया। इसके साथ ही सजीब ने कार्यवाहक अधिकारियों पर पड़ोसी देश में भीड़तंत्र (mob rule) को अनुमति देने का आरोप लगाया है। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, वहां हिंदुओं पर गंभीर अत्याचार हो रहे हैं, जिसके कारण बांग्लादेशियों द्वारा अवैध रूप से भारत में घुसने के कई प्रयास भी किए गए हैं।अगर बांग्लादेश में चुनाव नहीं हुए तो…सजीब ने चेतावनी दी है कि अगर बांग्लादेश में जल्द ही चुनाव नहीं हुए तो इससे अराजकता फैल सकती है।
बता दें कि 76 वर्षीय शेख हसीना ने सोमवार को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और हेलीकॉप्टर के जरिए भारत आ गईं थी। दरअसल, पड़ोसी देश में छात्रों के नेतृत्व में विद्रोह फैला और इस हिंसा में कई लोगों की मौत भी हुई। हसीना सरकार पर लगे आरोपहसीना सरकार पर 15 साल के कार्यकाल के दौरान हजारों राजनीतिक विरोधियों की हत्या करने और व्यापक मानवाधिकार हनन का आरोप लगा है। सेना ने शेख हसीना के इस्तीफे की घोषणा की। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता 84 वर्षीय मुहम्मद यूनुस इस दौरान कार्यवाहक प्रशासन का नेतृत्व कर रहे हैं।अंतरिम सरकार की सजीब ने की आलोचनाहालांकि, हसीना के बेटे ने अंतरिम सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह ‘पूरी तरह से शक्तिहीन’ सरकार है।
AFP को दिए एक इंटरव्यू में सजीब ने कहा कि ‘इस समय बांग्लादेश में भीड़तंत्र का शासन है।’ बता दें कि हसीना के पतन से पहले हुए दंगों में 450 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें से 42 पुलिस अधिकारी थे। वाजेद ने आरोप लगाया कि अज्ञात विदेशी ताकतों ने विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया था। हालांकि, इस दावे को लेकर उन्होंने कोई सबूत पेश नहीं किए। यह विडियो भी देखेंभारत में कितने समय तक रहेंगी हसीना?यह स्पष्ट नहीं है कि शेख हसीना अब भारत में कितने समय तक रहेंगी, लेकिन वाजेद ने कहा कि उनके किसी तीसरे देश में जाने की अभी तक ऐसी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मेरी मां कभी भी अपना देश नहीं छोड़ना चाहती थीं। उनका सपना वहां सेवानिवृत्त होना है। वाजेद ने कहा कि वह उनसे हर दिन बात करते हैं। यह उनका आखिरी कार्यकाल होने वाला था। वह 76 वर्ष की हैं और इसलिए वह बस घर वापस जाना चाहती हैं।’