: जीएसटी की चोरी रोकने और फर्जी कंपनियों के बूते इनपुट टैक्स क्रेडिट वसूलने वालों पर सरकार फिर अभियान चलाकर कार्रवाई करने जा रही है. पिछले साल ऐसे ही एक अभियान में 22 हजार पंजीकरण फर्जी पाए गए और 24 हजार करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का पता चला.
सरकार 16 अगस्त से जीएसटी फ्रॉड के खिलाफ अभियान चलाएगी.यह अभियान पूरे 2 महीने तक चलेगा और जीएसटीएन की जांच होगी.पिछले साल इसी तरह के अभियान में 22 हजार फर्जीवाड़ा सामने आया.नई दिल्ली. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा है कि कर अधिकारी 16 अगस्त से फर्जी (माल एवं सेवा कर) जीएसटी पंजीकरण के खिलाफ दो महीने का विशेष अभियान शुरू करेंगे. इस तरह का अभियान पिछले साल मई में चलाया गया था, जिसमें 24,000 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध जीएसटी चोरी से जुड़े करीब 22,000 फर्जी पंजीकरणों का पता चला था.वरिष्ठ केंद्र और राज्य कर अधिकारियों वाली राष्ट्रीय समन्वय समिति ने पिछले महीने विशेष अभियान शुरू करने का फैसला किया था.
विशेष अभियान के तहत, जीएसटी नेटवर्क, विश्लेषण एवं जोखिम प्रबंधन महानिदेशालय (डीजीएआरएम), सीबीआईसी के साथ समन्वय से विस्तृत डेटा विश्लेषिकी तथा जोखिम मापदंडों के आधार पर संदिग्ध/उच्च जोखिम वाले जीएसटीआईएन की पहचान करेगा. ऐसी जानकारी आगे के सत्यापन के लिए क्षेत्राधिकार वाले कर अधिकारी को दी जाएगी
.रद होगा पंजीकरण और होगी वसूलीइसके बाद केंद्र तथा राज्य जीएसटी अधिकारी संदिग्ध जीएसटीआईएन (जीएसटी पहचान संख्या) का तय समय में सत्यापन करेंगे. अगर पाया गया कि जीएसटीआईएन फर्जी है या मौजूद ही नहीं है, तो कर अधिकारी पंजीकरण को निलंबित करने और रद्द करने तथा इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को रोकने की कार्रवाई शुरू करेंगे.सभी कार्यालयों को जारी हो गए निर्देशसीबीआईसी ने क्षेत्रीय कार्यालयों को जारी निर्देश में कहा, ‘सभी केंद्रीय तथा राज्य कर प्रशासनों द्वारा 16 अगस्त 2024 से 15 अक्टूबर 2024 तक दूसरा विशेष अखिल भारतीय अभियान शुरू किया जा सकता है, ताकि संदिग्ध/फर्जी जीएसटीआईएन का पता लगाया जा सके और इनको जीएसटी परिदृश्य से बाहर निकालने तथा सरकारी राजस्व की सुरक्षा के लिए अपेक्षित सत्यापन और आगे की सुधारात्मक कार्रवाई की जा सके.’
देश में डेढ़ करोड़ जीएसटीएनजीएसटी पोर्टल पर दिख रहे आंकड़े के तहत जनवरी, 2023 तक देश में करीब 1.4 करोड़ से अधिक जीएसटी पंजीकरण हो चुके थे. हालांकि, इसमें से कुछ फर्जी तरीके से किए गए हैं. इनकी पहचान के लिए ही सरकार समय-समय पर छापेमारी करती है और धोखाधड़ी करने वालों का न सिर्फ रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जाता है, बल्कि जुर्माना और ब्याज सहित जीएसटी वसूली की जाती है.