नई दिल्ली:- बीड़ी-सिगरेट पीने यानी स्मोकिंग की वजह से कई बीमारियां होती हैं. स्मोकिंग करना सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं होता. दरअसल, सिगरेट में तंबाकू होता है, जिसमें निकोटिन और कई हानिकारक रासायनिक होते हैं. स्मोकिंग करने से कई गंभीर बीमारियां और हेल्थ समस्याएं होती हैं. सिगरेट या बीढ़ी पीते वक्त आप जैसे ही तंबाकू के धुएं को अंदर लेते हैं, ये केमिकल फेफड़ों में चले जाते हैं और शरीर को नुकसानदायक पहुंचाते हैं.
यह तो सभी जानते हैं कि स्मोकिंग करने से फेफड़ों के कैंसर होता है, लेकिन इसके अलावा क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का खतरा भी बढ़ जाता है, जिससे फेफड़ों की कार्यक्षमता कम होने लगती है और सांस लेने में कठिनाई होती है. इतना ही नहीं स्मोकिंग करने से कई अन्य बीमारियां भी होती हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कि धुम्रपान करने से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं.
स्मोकिंग से बढ़ता है ब्लड शुगर
हेल्थलाइन के मुताबिक स्मोकिंग करने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है. अगर आपको डायबिटीज है, तो आपको अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए पहले से ही काफी मेहनत करनी होती. ऐसे में धूम्रपान उस कार्य को और भी कठिन बना सकता है. स्मोकिंग आपके शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक प्रतिरोधी बना सकता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है. अनियंत्रित ब्लड शुगर डायबिटीज से होने वाली गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकती है, जिसमें आपके गुर्दे, हृदय और रक्त वाहिकाओं की समस्याएं शामिल हैं.
धूम्रपान से हार्ट और ब्लड वेसल को नुकसान पहुंचता है
डायबिटीज की तरह ही स्मोकिंग आपके हार्ट सिस्टम को भी नुकसान पहुंचाता है. यह दोहरा बोझ जानलेवा हो सकता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार, डायबिटीज से पीड़ित 65 साल और उससे अधिक आयु के कम से कम 68 प्रतिशत लोग हृदय रोग से मरते हैं. अन्य 16 प्रतिशत स्ट्रोक से मरते हैं. अगर आपको डायबिटीज है, तो आपको हृदय रोग या स्ट्रोक होने की संभावना बिना इस बीमारी वाले लोगों की तुलना में दो से चार गुना अधिक हो सकती है.
स्मोकिंग से होते हैं श्वसन संबंधी रोग
धूम्रपान सीधे आपके फेफड़ों को प्रभावित करता है और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, इम्फीसेमा और अन्य श्वसन संबंधी रोगों का कारण बन सकता है. इन बीमारियों से पीड़ित लोगों में निमोनिया जैसे फेफड़ों के संक्रमण विकसित होने का जोखिम अधिक होता है.
स्मोकिंग आपकी आंखों को पहुंचा सकती है नुकसान
डायबिटीज से पीड़ित लोगों को मोतियाबिंद और ग्लूकोमा सहित कई आंखों की बीमारियों का जोखिम रहता है. ऐसे में धूम्रपान डायबिटिक रेटिनोपैथी के विकास को तेज कर सकता है और इसे बदतर बना सकता है. इससे आपकी आंखो की रोशनी तक जा सकती है.
स्मोकिंग करने से होता है कैंसर
स्मोकिंग करने से मुंह और गले का कैंसर होने का खतरा रहता है. तंबाकू के धुएं में कई प्रकार के कार्सिनोजेनिक यानी कि कैंसर पैदा करने वाले तत्व होते हैं, जो टिश्यूज को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा स्मोकिंग करने से इंफर्टिलिटी का खतरा रहता है और प्रजनन की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है.
स्मोकिंग से कम होगा डायबिटीज का खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन की इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन और न्यूकैसल यूनिवर्सिटी की तरफ से संयुक्त रूप से विकसित एक नए ब्रीफ के अनुसार, स्मोकिंग छोड़ने से टाइप -2 डायबिटीज होने का खतरा 30-40 प्रतिशत तक कम हो सकता है. 14 नवंबर 2023 में आई रिपोर्ट में WHO ने कहा कि स्मोकिंग ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने की शरीर की क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे टाइप -2 डायबिटीज हो सकता है.’