खाड़ी देशों में काम करने वाले प्रोफेशनल्स की कमाई अब कम होने वाली है. जीरो इनकम टैक्स के लिए फेमस खाड़ी देशों में अब पेशेवरों से उनकी कमाई पर टैक्स वसूलने की तैयारियां चल रही हैं और ओमान ने इसकी शुरुआत कर दी है.
खबरों के अनुसार, ओमान ने इनकम टैक्स वसूलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इसे अगले साल से लागू करने की तैयारी है. अभी तक ओमान में कामगारों और पेशेवरों को कोई इनकम टैक्स नहीं भरना पड़ता था. यानी उनकी पूरी कमाई टैक्स फ्री होती थी. अब ओमान की सरकार कामगारों व पेशेवरों की कमाई पर 5 फीसदी से 9 फीसदी तक की दर से इनकम टैक्स वसूल करने वाली है.संसद ने पिछले महीने दी प्रस्ताव को मंजूरीओमान की संसद ने इनकम टैक्स वसूल करने के प्रस्ताव को इसी साल जुलाई में मंजूरी दी थी. उसके बाद उसे अंतिम मंजूरी के लिए स्टेट काउंसिल के पास भेजा गया था. प्रस्ताव में ओमान के नागरिकों और प्रवासी कामगारों व पेशेवरों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है. नई व्यवस्था में ओमान के नागरिकों को कम टैक्स देना होगा, लेकिन दूसरे देशों के काम करने वालों के ऊपर ज्यादा टैक्स देनदारी बनेगी.
इतनी होगी इनकम टैक्स वसूलने की दरप्रस्ताव के अनुसार, ओमान के नागरिकों पर 5 फीसदी की दर से इनकम टैक्स लगेगा. इनकम टैक्स की यह देनदारी सिर्फ वैसे ओमानी नागरिकों के लिए हागी, जिनकी सालाना वैश्विक कमाई 1 मिलियन डॉलर (लगभग 8.4 करोड़ रुपये) से ज्यादा होगी. वहीं दूसरे देशों के वर्कर्स और प्रोफेशनल्स को 1 लाख डॉलर (करीब 84 लाख रुपये) से ज्यादा की सालाना आय होने पर 9 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा.इनकम टैक्स लगाने वाला खाड़ी का पहला देशगल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) में शामिल देशों में ओमान पहला देश है, जहां कमाई पर टैक्स लगने जा रहा है. जीसीसी देशों को खाड़ी देशों के नाम से भी जाना जाता है.
खाड़ी देशों को जीरो इनकम टैक्स के चलते टैक्स हेवन माना जाता रहा है. हालांकि अब इसमें बदलाव आ रहा है. ओमान के द्वारा इनकम टैक्स लगाए जाने के बाद कुवैत में भी जीरो इनकम टैक्स की व्यवस्था समाप्त करने की बात चल रही है. वहीं सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश अभी भी टैक्स-फ्री व्यवस्था पर ही आगे बढ़ना चाहते हैं.6 लाख भारतीयों पर असर होने की आशंकाओमान में होने जा रहे इस बदलाव से भारतीय लोगों पर काफी असर पड़ने का अनुमान है. ओमान में अभी करीब 6 लाख भारतीय रह रहे हैं और विभिन्न पेशों मे जुटे हुए हैं. ओमान में काम कर रहे भारतीय हर साल लगभग 27 हजार करोड़ रुपये रेमिटेंस के रूप में भारत भेज रहे हैं. अब इनकम टैक्स लगने से उनकी कमाई प्रभावित होने वाली है, जिसका असर रेमिटेंस पर भी पड़ सकता है.