: केंद्र सरकार ने हाल ही में अपने कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) लॉन्च की है. यह स्कीम 1 अप्रैल, 2025 से लागू होने वाली है. मगर, कुछ ट्रेड यूनियन अभी से इसे नकार चुके हैं. उनकी मांग है कि ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) को ही लागू किया जाए. अब एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि यूपीएस को वापस नहीं लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम इस मामले में यू टर्न नहीं ले सकते हैं.
ट्रेड यूनियन की डिमांड, हमसे अंशदान न ले सरकार लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि हम अपनी नीतियों के मामले में कभी वापस नहीं गए हैं. पेंशन सिस्टम के मामले में भी ऐसा नहीं होगा. अगर हमें फैसला वापस ही लेना होता तो एनपीएस को ही हटा दिया जाता. ट्रेड यूनियन चाहते हैं कि ओल्ड पेंशन स्कीम की तरह इसमें भी कर्मचारी से कोई अंशदान नहीं लिया जाए. उन्होंने कहा कि यूपीएस को सरकार ने ओपीएस और एनपीएस के लाभ जोड़कर बनाया है. इसमें निश्चित पेंशन के साथ ही अपनी ओर से सरकार ने अंशदान भी बढ़ाया है. इसके अलावा फैमिली पेंशन और मिनिमम पेंशन का प्रावधान भी किया गया है. केंद्रीय कैबिनेट ने इसे शनिवार को मंजूरी दे दी थी. इससे 23 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा.हम यूपीएस के लिए किसी भी राज्य पर दबाव नहीं बनाएंगेउन्होंने कहा कि अगर राज्यों को जरूरत होगी तो वह केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ ले सकते हैं. हम यूपीएस के लिए किसी भी राज्य पर दबाव नहीं बनाएंगे. यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लाई गई स्कीम है. इसे एनपीएस और प्राइवेट सेक्टर में चल रहे सिस्टम से बेहतर बनाने की कोशिश की गई है. यूपीएस में कर्मचारियों को वेतन का 10 फीसदी अंशदान देना है और सरकार इसमें 14 फीसदी की बजाय 18.5 फीसदी पैसा डालेगी.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स पर फैसला नहीं होगा उन्होंने बताया कि 9 सितंबर को होने जा रही जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक में टैक्स को लेकर कोई बड़ा फैसला होने की उम्मीद नहीं है. इस बैठक में स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाएगी. इसमें मंत्रियों की परिषद चर्चा करेगी. इसके बाद इसे जीएसटी काउंसिल के समक्ष मसले रखे जाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य प्रोडक्ट पर रेट घटाने के बारे में चर्चा नहीं करना चाहते. उनकी प्राथमिकता राज्य का रेवेन्यू होता है. इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) करने वाली हैं.