छत्तीसगढ़:– केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम और उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी भी मौजूद रहे। इस मौके पर नेताम ने विशेष बातचीत में कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान अब पुराने ढर्रे पर नहीं बल्कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से खेती करके पैदावार बढ़ा रहे हैं। केंद्र व राज्य सरकार इसमें उनकी मदद कर रही है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए कई योजनाएं लाई गई हैं, जिनका फायदा किसानों को हो रहा है। आज छत्तीसगढ़ धान के साथ फल-सब्जियों के उत्पादन में भी अग्रणी राज्य बनने की ओर है। एमएसपी की गारंटी की मांग करने वालों पर नेताम ने कहा कि इसे लेकर राजनीति हो रही है, पहले किसी सरकार ने ऐसा क्यों नहीं किया। हमारी सरकार कई फसलों में इसे लागू कर रही है और किसानों को बड़ा बाजार भी उपलब्ध करा रही है।
छत्तीसगढ़ में किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने और उनके उत्थान के लिए सरकार की तरफ से क्या किया जा रहा है?
रामविचार नेताम- प्रदेश के किसानों की उन्नति और संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने साहसिक निर्णय लेते हुए कृषि उन्नति योजना शुरू की है। छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जहां कृषि को बढ़ावा देने के लिए किसानों को उपज का सही मूल्य दे रहे हैं। प्रति एकड़ धान की खरीदी 21 क्विंटल करने के साथ 3100 रुपए प्रति क्विंटल में उनसे खरीद रहे हैं। हमारी सरकार किसानों का 2014-15 और 2015-16 का बकाया बोनस भी दे रही है। हम कई योजनाएं चलाकर किसानों को प्रोत्साहन दे रहे हैं। केंद्र सरकार की भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं का लाभ कागजी तौर पर ही न रहे, उसे किसानों तक पहुंचाने पर जोर है। यही कारण है कि हम छत्तीसगढ़ में इन योजनाओं को बेहतर ढंग से किसानों तक पहुंचा पा रहे हैं।
2- छत्तीसगढ़ के किसानों को खेती की नई तकनीक और बाजार उपलब्ध कराने के लिए किस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं?
रामविचार नेताम- किसानों को तकनीकी रूप में सक्षम बनाने के लिए सरकार की कई योजनाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तकनीक की मदद से किसानों की उपज बढ़ाने और लागत से 50 फीसदी अधिक मूल्य दिलाने की दिशा में काम कर रहे हैं। आगे प्रधानमंत्री जी का जोर है कि कैसे किसानों की आय दोगुनी की जा सके। उसे ध्यान में रखते हुए अनेकानेक योजनाएं चल रही हैं। आज किसान पुराने ढर्रे पर नहीं बल्कि तकनीक आधारित खेती कर रहे हैं। जैसे प्रधानमंत्री का नारा था पर ड्राप, मोर क्राप उसे हम साकार कर रहे हैं। किसानों की लागत कम करने के लिए हम मशीनीकरण कर रहे हैं। पहले सिर्फ ट्रैक्टर होता था, अब रोटावेटर भी चल रहा है। आज कृषि में टेक्नालॉजी का उपयोग कर रहे हैं, लैब बैठा रहे हैं। साइल टेस्ट करा रहे हैं, जिससे किस जमीन में कौन सी फसल लेनी है, यह पहले ही पता चल जाता है। किसी जमीन में कितने फर्टिलाइजर की जरूरत पड़ेगी, यह पता चल जाता है। पिछले 10 सालों में कृषि में तकनीक की जो क्रांति आई है, उसका ही नतीजा है कि आज छत्तीसगढ़ में बंपर क्रॉप हो रही है। दुनिया में कृषि के क्षेत्र में जिस तरह से क्रांति लाई जा रही है, उसमें हम छत्तीसगढ़ वाले भी पीछे नहीं है। कृषि के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य बनने वाला है। हमने 147 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का किसानों को लगभग 20 हजार करोड़ भुगतान किया है। बकाया तथा अन्य को मिलाकर किसानों को 48 हजार करोड़ का भुगतान हमने किया है।
3- देशभर के किसानों की तरफ से सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानून बनाने मांग होती रही है, क्या यह प्रायोगिक तौर पर सही है?
रामविचार नेताम- एमएसपी के नाम पर बहुत सारे लोग राजनीति करते हैं। वैसे तो किसान हितैषी बनते हैं, लेकिन जब उनकी बारी आती है तो कुछ नहीं करेंगे। हमारी सरकार ने अधिकतर खाद्यान्नों का समर्थन मूल्य पर खरीदी करना शुरू कर दिया है। इससे पहले दूसरी सरकारों ने क्यों कुछ नहीं किया, अब हम कर रहे हैं तो कहते हैं कि ये नहीं वो होना चाहिए। मैं बताना चाहता हूं कि हमारे राज्य में धान की अलग-अलग वैरायटी हैं, धान की इतनी वैरायटी किसी भी राज्य में नहीं है। हमारे यहां के कुछ धान तो ऐसे भी हैं, जो 100 रुपए किलो तक बिकते हैं, तो क्या अब उसका समर्थन मूल्य तय कर दें। मार्केट में जैसे-जैसे मूल्य बढ़ता है, वैसे ही किसान बाजार देखकर ई-नाम पर बेचता है। धीरे-धीरे जहां जिन-जिन फसलों के लिए एमएसपी की जरूरत है, वहां स्वाभाविक रूप से समर्थन मूल्य के आधार पर घोषणा कर खरीदी की जा रही है। इसके अलावा अगर किसी किसान को एमएसपी से अधिक कीमत बाजार में मिल रही है तो वह बेचने के लिए स्वतंत्र है।
छत्तीसगढ़ की कौन सी योजना सबसे कारगर है जिसे देशभर में लागू किया जाना चाहिए?
रामविचार नेताम- हमारे छत्तीसगढ़ में धान की खेती और उसकी खरीदी की जो व्यवस्था है, वह मैं समझता हूं कि देश के बाकी राज्यों में वैसी व्यवस्था नहीं होगी। हम बेहतर तरीके से यह कर रहे हैं। इसके अलावा हम सिर्फ फसलों का उत्पादन ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि खाद्यान्न के वितरण की प्रणाली अन्य राज्यों से बहुत अच्छी है। अब मैं यह नहीं कह रहा हूं कि इसकी कोई नकल करे, लेकिन हम कृषि के क्षेत्र में नई-नई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। उसके आधार पर बेहतर रिजल्ट भी आ रहे हैं। खाद्यान्न के साथ आज हमारे राज्य में हार्टिकल्चर उत्पादन खूब हो रहा है। कोई सोचा नहीं था कि हम फल-सब्जी बाहर भेजेंगे। हमारे राज्य के फल दूसरे देशों में जा रहे हैं, हमारे यहां की सब्जियां दूसरे राज्यों में भेजी जा रही हैं। यह बड़े पैमाने पर किया जा रहा है और आगे चलकर इसमें बड़ी क्रांति आएगी। हमारी युवा पीढ़ी भी इसे अडॉप्ट कर रही है। अने लोग आज बड़ी-बड़ी नौकरी छोड़कर खेती की ओर आ रहे हैं, उनका इस ओर आकर्षण बढ़ा है।5- आज कई युवा जो पढ़े-लिखे और नई तकनीक के जानकार हैं, वे कृषि के क्षेत्र में हाथ आजमा रहे हैं, उनके करियर के लिए क्या संभावनाएं हैं, सरकार उनकी कैसे मदद कर सकती है?
रामविचार नेताम- कृषि में तो अपार संभावनाएं हैं। राज्य की 70-80 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। इसके अलावा हम बहुत सारे उत्पादन कर रहे हैं, जिसे हम दूसरे देशों में भेजते हैं। कृषि में बड़ा स्कोप है, जिसे पूरा करने के लिए सबको मेहनत करनी पड़ेगी। हमारी युवा पीढ़ी का भी इस ओर आकर्षण बढ़ा है। प्रधानमंत्री जी जिस दिशा में सोच रहे हैं, उसे जमीन तक उतारने का काम केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जी कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि इनके नेतृत्व में कृषि के क्षेत्र में हमारा देश व राज्य खूब आगे बढ़ेगा।
6- किसानों को मौसम की मार, बाढ़, सूखा समेत अन्य संकट पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है, ऐसे में क्या इसकी भरपाई के लिए कोई नई योजना राज्य या केंद्र सरकार लाने जा रही है?
रामविचार नेताम- इसके लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू है, उसका क्रियान्वयन देशभर में बेहतर ढंग से हो रहा है। हां, यह जरूर है कि कुछ बीमा कंपनियों को लेकर शिकायत मिलती है, जिसका निराकरण कराया जाता है।
7- मिलेट में छत्तीसगढ़ संपन्न राज्य है। इसकी खेती को बढ़ावा देने और किसानों को इसके लिए बड़ा बाजार उपलब्ध कराने को लेकर शासन क्या प्रयास कर रहा है?
रामविचार नेताम- छत्तीसगढ़ के करीबन हर जिले में मिलेट का बार चल रहा है, मिलेट के कैफे चल रहे हैं। वहां फाइव स्टार होटल से भी अच्छा खाना मिल रहा है। बस्तर के दंतेवाड़ा, कोरिया, अंबिकापुर या बलरामपुर, सब जगह यह मिलेगा। इसका प्रचार-प्रसार भी बढ़ रहा है। मिलेट उत्पादन करने वाले किसान अब नई-नई तकनीक का उपयोग कर पैदावार बढ़ा रहे हैं। पहले की तुलना में अब प्रति एकड़ उत्पादन बढ़ रहा है और उनकी खरीदी की बेहतर व्यवस्था की जा रही है। हमारी सरकार भी इसमें पूरी मदद करेगी। हम किसानों को अच्छे पैकेट, अच्छे बीज व खाद की व्यवस्था करा रहे हैं। भारत सरकार की तरफ से फर्टिलाइजर के साथ हमें आधुनिक मशीनरी पर भी सब्सिडी मिल रही है। 40 से 50 फीसदी तक सब्सिडी दी जी रही है। कोई एसटी-एससी महिला कृषि के लिए मशीनरी लेना चाहती है, उसे 50 फीसदी तक सब्सिडी दी जा रही है। देश की आजादी के बाद से ऐसी सोच के साथ कृषि को लेकर ऐसा काम नहीं हुआ है। आपके माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार जितना होगा, यह किसानों के हित में होगा। देश में कृषि को लेकर काम करने वाली संस्थाएं भी इस ओर ध्यान दे रही हैं कि कैसे किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जाए। जागरण की तरफ से आज कृषि को लेकर जिस तरह का आयोजन किया गया, ऐसा दूसरों को भी करना चाहिए, इससे किसानों नया प्लेटफॉर्म व संदेश मिलेगा।