नई दिल्ली:- जप-तप का विधान शास्त्रों में काफी पुराना है. मान्यता है कि भगवान का ध्यान करने और नाम का जाप करने से व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है. सदियों से ऋषि-मुनि जप-तप करते आ रहे हैं. कहते हैं कि जाप करते समय हाथ में माला का होना बेहद जरूरी है. ध्यान लगाने के लिए मंत्रों के उच्चारण के साथ ही माला जपना भी बहुत जरूरी होता है. ज्यादातर माला में 108 मनके होते हैं जिनके खत्म होने तक जाप किया जाता है.
इसके साथ ही वेदों में माला जापने के कुछ नियम बताए गए हैं. मान्यता है कि अगर माला से जाप करते समय कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए, तो व्यक्ति को जाप का फल भी नहीं मिलता और कई अशुभ फलों की प्राप्ति होती है. कहते हैं इन नियमों का पालन करना शुभ फलदायी होता है. आइए जानते हैं माला जपने क्या हैं नियम.
माला जाप करते समय ध्यान रखें ये बातें
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माला के मनकों की संख्या सही होनी भी बहुत जरूरी है. माला में मनकों की संख्या 27, 54 या 108 हो सकती है. ब्रहमाण में कुल 27 नक्षत्र हैं, जिससे सृष्टि का संचालन होता है. ग्रह हर समय किसी न किसी नक्षत्र में होते हैं जिसका प्रभाव हमारे जीवन में बहुत गहरा होता है. हर नक्षत्र में चार चरण होते हैं और इन्हीं के हिसाब से हम माला जपते हैं.
- शास्त्रों के अनुसार जिस माला से आप जाप कर रहे हैं, उसका एक भी मनका टूटा नहीं होना चाहिए. कहते हैं टूटी मनके वाली माला से जाप करने से इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है. माला अगर टूट गई हो तो उसे सही करके मनका बदल के ही माला से जाप करें.
- कहते हैं कि आप जिस भी माला का जाप करते हैं जरूरी है कि उसमें दो मनकों के बीच एक गांठ हो. बिना गांठ की माला का शुभ फल नहीं मिलता. ये अशुभ मानी जाती है.
- शास्त्रों के अनुसार इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि धारण की हुई माला से कभी भी जप नहीं किया जाता. वहीं जाप करने वाली माला को कभी धारण नहीं चाहिए.