केंद्र सरकार की नवरत्न कंपनियों की प्रतिष्ठित सूची में 4 नए नाम जुड़े हैं. वित्त मंत्रालय ने पावर सेक्टर की 3 सरकारी कंपनियों समेत कुल 4 नई कंपनियों को नवरत्न का दर्जा दिया है. इसके साथ ही अब नवरत्न कंपनियों की सूची लंबी होकर 25 पर पहुंच गई है.
नवरत्न में इन 4 कंपनियों को मिली एंट्रीवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिन 4 नई कंपनियों को नवरत्न का दर्जा दिया है, उनमें पावर सेक्टर की 3 सरकारी कंपनियां- सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड शामिल हैं. उनके अलावा रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को भी नवरत्न का दर्जा दिया गया है.पहले से इन कंपनियों को नवरत्न का दर्जाअभी तक केंद्र सरकार की 21 कंपनियों के नाम नवरत्नों में शामिल थे. 4 नई कंपनियों के जुड़ने से लिस्ट बढ़कर 25 पर पहुंच गई है. नवरत्न कंपनियों की लिस्ट में पहले से जो कंपनियां शामिल हैं, उनके नाम हैं- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, इंजीनियर्स इंडिया, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, महानगर टेलीफोन निगम, नेशनल एल्युमिनियम कंपनी, नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन, नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन, एनएमडीसी, राष्ट्रीय इस्पात निगम, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, रेल विकास निगम, ओएनजीसी विदेश लिमिटेड, नेशनल केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स, इरकॉन, राइट्स, नेशनल फर्टिलाइजर्स, सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन, हुडको, इरेडा.
महारत्न की श्रेणी में इन कंपनियों के नामसरकारी कंपनियों को तीन कैटेगरी ‘महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न’ में बांटा जाता है. सबसे पहले महारत्न कंपनियों का नाम आता है, जिसकी लिस्ट में अभी 13 केंद्रीय उपक्रम शामिल हैं. सरकार की महारत्न कंपनियों में भेल, बीपीसीएल, कोल इंडिया, गेल, एचपीसीएल, आईओसीएल, एनटीपीसी, ओएनजीसी, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, सेल, आरईसी और ऑयल इंडिया के नाम शामिल हैं.नवरत्न का दर्जा मिलने से होते हैं ये फायदेनवरत्न कंपनियों में उन्हें ही शामिल किया जाता है, जो पहले से मिनीरत्न श्रेणी में शामिल हों. इस श्रेणी में अपग्रेड होने के लिए मुनाफा, कुल संपत्ति, टर्नओवर समेत 6 पैमाने तय किए गए हैं. नवरत्न का दर्जा पाने के बाद संबंधित सरकारी कंपनियों को सरकार ज्यादा स्वतंत्रता प्रदान करती है. दर्जा पाने के बाद संबंधित कंपनियों के बोर्ड को पहले से ज्यादा फाइनेंशियल पावर मिल जाती है.