देश के सर्वोच्च न्यायालय यानी सुप्रीम कोर्ट का गठन देश में न्याय देने और संविधान की रक्षा के उद्देश्य से किया गया था. लेकिन, बीते कुछ दशकों में सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या लगातार बढ़ती गई है, इसकी वजह से अब न्याय प्राप्ति की प्रक्रिया धीमी होती जा रही है. चलिए आज आपको बताते हैं कि आखिर सुप्रीम कोर्ट में कितने मामले पेंडिंग हैं और हर जज के पास कितने केस हैं.
सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों का वर्तमान परिदृश्य2023 के अंत तक, भारत के सुप्रीम कोर्ट में लगभग 70,000 से अधिक मामले लंबित थे. लेकिन 2024 जनवरी आते-आते ये संख्या बढ़ कर 80,221 हो गई. सुप्रीम कोर्ट ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट में 80000 से ज्यादा मामले पेंडिंग थे. अकेले जनवरी 2024 की बात करें तो इस महीने में सुप्रीम कोर्ट में 1996 केस रजिस्टर हुए. जबकि, इसी महीने सुप्रीम कोर्ट से 2420 मामलों का निराकरण भी हुआ.
हालांकि, इसके बाद भी जब आप सालाना आंकड़े देखते हैं तो ये चिंताजनक लगता है. दरअसल, इस तरह के पेंडिंग मामले न्याय प्रणाली की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े करते हैं. आपको बता दें, इन लंबित मामलों में ज्यादातर सिविल और आपराधिक मुकदमे हैं, जो वर्षों से ऐसे ही पड़े हैं. इसके अलावा, संवैधानिक मुद्दे, पीआईएल और विविध अपीलें भी पेंडिंग लिस्ट में शामिल हैं.साल दर साल कितने बढ़ रहे मामलेसाल दर साल सुप्रीम कोर्ट में बढ़ रहे पेंडिंग मामलों की संख्या की बात करें तो जहां साल 2024 के जनवरी महीने में 80,221 मामले लंबित थे, वहीं 2023 में जनवरी महीने में 78,400 मामले सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग थे. जबकि, साल 2022 के जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट में 70,101 मामले पेंडिंग थे. वहीं सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या की बात करें तो फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 है. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि एक जज पर कितने मामलों को क्लीयर करने का दबाव रहता होगा