नई दिल्ली:– मधुमक्खी पालन आमदनी बढ़ाने का एक ऐसा धंधा है, जिसमें लगता कम लगता है और मुनाफा ज्यादा होता है. इस व्यवसाय में सरकारी मदद भी मिलने की गुंजाइश है. इसमें 50 से 75 प्रतिशत तक अनुदान की व्यवस्था है. हालांकि, लाभ लेने के लिए आपको किसी भी कृषि विज्ञान केंद्र या फिर विश्वविद्यालय से कम से कम 5 दिन की ट्रेनिंग लेनी होगी. उसके बाद सब्सिडी के लिए पात्र होंगे. मधुमक्खी पालन के लिए ज्यादा जमीन की भी जरूरत नहीं पड़ती और न ही पैसे ज्यादा लगते हैं. पेड़ के नीचे अपने बक्से रखकर इस व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं.
मधुमक्खी पालन से क्या होता है लाभ
दरअसल, बहुत लोगों को यह जानकारी नहीं कि मधुमक्खी पालन से क्या क्या लाभ मिल सकता है? शहद की बाज़ार में अधिक मांग की वजह से लोग मधुमक्खी पालन की ओर अपना ध्यान आकर्षित करने लगे हैं. हालांकि, इससे अन्य कई तरह के प्रोडक्ट भी तैयार किए जाते हैं. इसमें कुछ की कीमत लाखों में है. इससे रॉयल जेली, डंक यानी विष, मोम, शहद, पोलेन और प्रोपॉलिश तैयार किए जाते हैं. शहद के साथ साथ इन सभी प्रोडक्टस का भी बाजार में काफी डिमांड है.
ये हैं मधुमक्खियों से तैयार होने वाले प्रोडक्ट्स
शहद : लोकल 18 की टीम से कृषि विज्ञान केंद्र गंधार के कीट वैज्ञानिक डॉक्टर वाजिद हसन ने बताया कि मधुमक्खी से सबसे पहले आपको शहद मिलता है. इसकी बाजार में कीमत करीब 350 रुपए प्रति किलो है. जहानाबाद जिले में एक बक्सा से 20 से 25 किलो मधु मिल जाता है.
मोम : मधुमक्खी पालन से दूसरा प्रोडक्ट मोम मिलता है. आपको जितने भी कॉस्मेटिक्स जैसे क्रीम, नेल पॉलिश और मेडिकल क्रीम में इसका उपयोग किया जाता है. इसकी कीमत 400 प्रति किलो है. इसका उपयोग दवाई और क्रीम में किया जाता है.
गोंद : गोंद भी मधुमक्खी पालन का एक प्रोडक्ट है. इसका भी उपयोग एंटी सेप्टिक क्रीम बनाने में किया जाता है. बहुत सारी दवाई बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. व्यापारी सीधा किसान से खेत से गोंद खरीद लेते हैं.
पोलेन : मधुमक्खी पालन से पोलेन मिलता है. पोलेन प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत माना जाता है. इसका कैप्सूल भी आता है. यह बाजार में अच्छी कीमत में बिकता है.
विष यानी डंक : पांचवां उत्पाद विष यानी मधुमक्खी का डंक है. विष का मार्केट में अच्छा रेट मिल जाता है. क्योंकि गठिया, वाय, पीठ दर्द, कमर दर्द, घुटनों में दर्द के जो भी इंजेक्शन बनते हैं, उसमें इसका विष इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में किसान भाई दवाई कंपनी से तालमेल कर इसकी सप्लाई कर सकते हैं.
रॉयल जेली : छठा प्रोडक्ट और सबसे महत्वपूर्ण प्रोडक्ट रॉयल जेली होता है. रॉयल जेली बाजार में बहुत सारी कंपनियां बेच रही है. यह एक कंप्लीट फूड है. इसका सेवन हम दिन में एक ग्राम भी खाते हैं तो 70 से 80 साल तक आपके चेहरे पर झुर्रियां नहीं आएगी. इसे तैयार करने के लिए स्पेशल कीट आता है.