प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एक बड़ा फैसला किया गया. अब देश में 70 साल से अधिक आयु वाले हर बुजुर्ग को ‘प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना-आयुष्मान भारत’ का लाभ मिलेगा. इसमें गरीब या अमीर का अंतर नहीं किया जाएगा, बल्कि इसके दायरे में हर किसी को लाया जाएगा.कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत ये एक नई कैटेगरी बनेगी. इसके तहत 70 साल से अधिक उम्र के हर बुजुर्ग को सरकार 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा वाला स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस) उपलब्ध कराएगी.बुजुर्गों के लिए ऐसे काम करेगी योजनाइस योजना के फायदों को विस्तार से बताते हुए मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 70 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये एक यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज होगा. अभी आयुष्मान भारत योजना का फायदा करीब 12.3 करोड़ परिवारों को मिल रहा है. बुजुर्गों के लिए शुरू की जाने वाली सुविधा का फायदा करीब 4.5 करोड़ परिवारों या यूं कहें 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा.
ऐसे परिवार जो पहले से आयुष्मान भारत योजना का हिस्सा हैं, उनके परिवार में अगर एक भी व्यक्ति 70 साल से अधिक आयु का है, तो उनको 5 लाख रुपए प्रति साल तक का अतिरिक्त टॉप-अप मिलेगा. ये शेयर्ड हेल्थ कवर होगा.ऐसे परिवार जो मौजूदा समय में आयुष्मान भारत योजना के दायरे में नहीं आते हैं. उनमें 70 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को इसमें शामिल किया जाएगा और उन्हें हर साल के लिए 5 लाख रुपए का शेयर्ड कवर मिलेगा.आयुष्मान भारत की इस कैटेगरी में अगर 70 साल से अधिक उम्र की कोई दंपति है, तो 5 लाख रुपए का बीमा कवर दोनों के लिए एक ही होगा. इसका फायदा मिडिल क्लास हो या अपर क्लास सभी को मिलेगा.सरकारी कर्मचारियों को भी मिलेगा चुनने का विकल्पइतना ही नहीं ऐसे बुजुर्ग जो केंद्र सरकार या राज्य सरकार (CGHS/SGHS) की किसी स्वास्थ्य योजना या सेना की स्वास्थ्य योजना के दायरे में आते हैं. उन सभी को अपनी पुरानी स्कीम के साथ बने रहने या आयुष्मान भारत के इस कवर को चुनने का विकल्प मिलेगा.
कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESCI) या प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस रखने वाले बुजुर्गों को भी आयुष्मान भारत में शामिल होने का मौका मिलेगा.इस योजना का लाभ लोगों को मुफ्त मिलेगा. हालांकि इसके लिए सरकार सभी बुजुर्गों से बीमा लेने का आग्रह करेगी और इसके आवेदन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. इस कैटेगरी के लिए सरकार ने 3,437 करोड़ रुपए का शुरुआती प्रावधान किया है.
कैबिनेट मीटिंग में हुए ये फैसले भीकैबिनेट की बैठक में कई और अहम फैसले भी लिए गए. सरकार ने पनबिजली के माध्यम से 31,350 मेगावाट पावर जेनरेशन का लक्ष्य रखा है. इस पर सरकार 12,461 करोड़ रुपए खर्च करेगी. इतना ही नहीं देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सरकार अब एक नई योजना ‘पीएम ई-ड्राइव योजना’ शुरू करेगी. इसके लिए 10,900 करोड़ रुपउ का प्रावधान किया गया है.‘पीएम ई-ड्राइव योजना’ (पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट) देश में करीब 9 साल तक चली फेम सब्सिडी योजना की जगह लेगी. इस नई योजना का फायदा 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों, 3.16 लाख ई-तिपहिया वाहनों और 14,028 ई-बसों की खरीद पर मिलेगा. नई योजना के तहत 88,500 चार्जिंग स्टेशनों को भी सरकार से मदद मिलेगी