कोलकाता:- पश्चिम बंगाल के गवर्नर आनंद बोस ने सीएम ममता बनर्जी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने आगे कहा कि बंगाल समाज के साथ ‘एकजुटता’ दिखाते हुए वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ‘सामाजिक बहिष्कार’ करेंगे।
उन्होंने कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में रेप और हत्या की घटना के बाद बंगाल की सड़कों, अस्पतालों और शहरों में हिंसा फैली हुई है और सरकार पीड़िता के माता-पिता और समाज की भावनाओं को शांत करने में ‘अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल’ रही है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बंगाल समाज के साथ एकजुटता दिखाते हुए मैं संकल्प लेता हूं कि मैं मुख्यमंत्री का सामाजिक बहिष्कार करूंगा. सामाजिक बहिष्कार का मतलब है कि मैं मुख्यमंत्री के साथ कोई सार्वजनिक मंच साझा नहीं करूंगा और न ही किसी ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लूंगा, जिसमें मुख्यमंत्री शामिल हों. राज्यपाल के तौर पर मेरी भूमिका संवैधानिक दायित्वों तक ही सीमित रहेगी.
राज्यपाल ने गुरुवार को जारी एक वीडियो संदेश जारी करते हुए बताया कि मुझे इस बात से गहरा दुख है कि कोलकाता में अपराध को रोकने वाले सर्वोच्च अधिकारी, कोलकाता पुलिस आयुक्त के खिलाफ आपराधिक प्रकृति के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि सीएम बनर्जी राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही हैं. मेरा मानना है कि सरकार ने अभिभावकों और समाज की भावनाओं को शांत करने में अपने कर्तव्यों का पालन करने में कोई कदम नहीं उठाया. गृह मंत्री कानून और व्यवस्था बनाए रखने की अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे. स्वास्थ्य मंत्री राज्य में चिकित्सा व्यवस्था की खस्ताहालत को रोकने में बुरी तरह फेल रहे.
राज्यपाल ने कहा कि यह विडंबना है कि ममता बनर्जी सीएम के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्री गृह मंत्री हैं. उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को लेडी मैकबेथ भी कहा. सड़क, अस्पताल और शहरों में हिंसा हो रही है. उन्होंने कहा कि मृतक के माता-पिता पहले ही कह चुके हैं कि उन्होंने पुलिस आयुक्त की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में न केवल राज्यपाल को बल्कि मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है.
इससे पहले ममता बनर्जी ने आंदोलन कर रहे नाराज छात्रों को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही. प्रदर्शन कर रहे छात्र सीएम से मिलने नहीं गए. ममता बनर्जी करीब दो घंटे तक डॉक्टरों का इंतजार करती रहीं. आखिर में उन्होंने कहा कि मुझे कुर्सी का कतई मोह नहीं है. अगर इससे पीड़िता को न्याय मिलता है तो मैं तुरंत कुर्सी छोड़ने को तैयार हूं.