)चंदा मामा दूर के, देखो चंदा मामा बचपन से लेकर अब तक न जाने चंदा मामा को लेकर कितने गीत हम सब सुन चुके हैं.क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर चंदा मामा को चंदा मामा ही क्यों कहते हैं. जानिए इसकी वजह.बचपन से बड़े होने पर भी चंदा को चंदा मामा कहना नहीं छूटता है. गीतों से लेकर कहानियों तक में चंदा को मामा ही कहा जाता है. लेकिन अब सवाल यह उठता है कि चांद को मामा कहना कहां से शुरू हुआ था.
1/5बता दें कि चांद को मामा कहने के पीछे धार्मिक, पौराणिक और भौगोलिक कारण हैं. चांद को मां लक्ष्मी का भाई माना गया है.वहीं हम सभी मां लक्ष्मी को अपनी माता के तौर पर संबोधित करते हैं, ऐसे में हमारे रिश्तों के लिहाज से देखेंगे तो चांद के साथ रिश्ता मामा वाला हो जाता है.बता दें कि चांद को मामा कहने के पीछे धार्मिक, पौराणिक और भौगोलिक कारण हैं. चांद को मां लक्ष्मी का भाई माना गया है.वहीं हम सभी मां लक्ष्मी को अपनी माता के तौर पर संबोधित करते हैं, ऐसे में हमारे रिश्तों के लिहाज से देखेंगे तो चांद के साथ रिश्ता मामा वाला हो जाता है.
2/5मां लक्ष्मी के भाई होने के कारण चांद को मामा कहा जाता है. यही कारण है कि चंदा को मामा कहा जाता है.मां लक्ष्मी के भाई होने के कारण चांद को मामा कहा जाता है. यही कारण है कि चंदा को मामा कहा जाता है.
3/5इसके अलावा जहां तक इसके भौगोलिक कारण की बात है, तो धरती का एकमात्र उपग्रह होने की वजह से यह धरती के चारों ओर चक्कर लगाता है.इसके अलावा जहां तक इसके भौगोलिक कारण की बात है, तो धरती का एकमात्र उपग्रह होने की वजह से यह धरती के चारों ओर चक्कर लगाता है.
4/5एक भाई या बहन के रिश्ते को देखेंगे तो भाई भी अपनी बहन के आगे-पीछे खेलते-कूदते घूमता रहता है. ऐसे में चांद के धरती का चक्कर लगाने की प्रवृत्ति को भाई-बहन के रिश्ते की तरह देखते हैं. ऐसे में धरती को माता कहने की वजह से चंदा हमारे मामा कहलाते हैं.एक भाई या बहन के रिश्ते को देखेंगे तो भाई भी अपनी बहन के आगे-पीछे खेलते-कूदते घूमता रहता है. ऐसे में चांद के धरती का चक्कर लगाने की प्रवृत्ति को भाई-बहन के रिश्ते की तरह देखते हैं. ऐसे में धरती को माता कहने की वजह से चंदा हमारे मामा कहलाते हैं
.5/5चंदा मामा को लेकर अनगिनत कहानियां और कविताएं बनी है. हर भाषा में लोग इसे बच्चों को सुनाते हैं. बचपन में मां, दादी और नानी अक्सर चंदा मामा की दिलचस्प कहानियां सुनाती हैं. स्कूल की कई पाठ्य पुस्तकों में भी इससे संबंधित कविताएं होती हैं.चंदा मामा को लेकर अनगिनत कहानियां और कविताएं बनी है. हर भाषा में लोग इसे बच्चों को सुनाते हैं. बचपन में मां, दादी और नानी अक्सर चंदा मामा की दिलचस्प कहानियां सुनाती हैं. स्कूल की कई पाठ्य पुस्तकों में भी इससे संबंधित कविताएं होती हैं.