मैसूर:- कर्नाटक में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और तीन अन्य के खिलाफ मैसूर लोकायुक्त में एफआईआर दर्ज की गई है. बता दें कि, सुनवाई के दौरान स्पेशल कोर्ट ने मैसूर लोकायुक्त एसपी को आदेश दिया था कि वे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण भूमि घोटाले मामले की जांच करें.
इसी के तहत, सीएम और तीन अन्य के खिलाफ मामला संख्या 11/2024 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और लोकायुक्त अधिकारियों ने एफआईआर में आधिकारिक प्रविष्टि की है.
सीएम सिद्धारमैया को ए1, सीएम की पत्नी बी.एन. पार्वती को ए2, सीएम सिद्धारमैया के साले मल्लिकार्जुन स्वामी को ए3 और जमीन बेचने वाले देवराजू को ए4 आरोपी बनाया गया है. लोकायुक्त एसपी द्वारा एफआईआर दर्ज की गई.
बता दें कि, कर्नाटक में एक विशेष अदालत ने बुधवार को मैसूर लोकायुक्त एसपी को आदेश दिया था कि वे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि घोटाले मामले की जांच करें. कोर्ट ने मैसूर के स्नेहामाई कृष्णा की याचिका पर सुनवाई की थी. जिसमें उन्होंने मामले में कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ जांच का आदेश देने की मांग की थी.
जन प्रतिनिधियों के लिए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने याचिका पर सुनवाई की और यह आदेश पारित किया. मामले के संबंध में हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय की समीक्षा के बाद आदेश जारी किया था.
क्या है MUDA स्कैम
यह विवाद मुआवजा जमीन के आवंटन में कथित अनियमितताओं के आसपास घूमता है. घोटाला 3.2 एकड़ जमीन से जुड़ा हुआ है, जिसे सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुनस्वामी ने 2010 में गिफ्ट में दिया था. MUDA ने जमीन अधिग्रहण के बाद पार्वती ने मुआवजे की मांग की और इसके बाद उन्हें 14 प्लॉट आवंटित किए गए थे. कहा जाता है कि ये प्लॉट मूल भूमि के टुकड़े से काफी अधिक कीमत के हैं. विपक्षी दलों का दावा है कि घोटाले का कुल मूल्य संभावित रूप से 3 हजार करोड़ रुपये से 4 हजार करोड़ रुपये के बीच हो सकता है.