*मऊगंंज / विश्व हृदय दिवस पर जिले के चिकित्सकों स्वास्थ्य शोधकर्ताओं एवं स्वास्थ्य जन जागरूक व्यक्तियों से विशेष जानकारी ली गई जिसमें बताया गया हार्ट अटैक के लक्षणों को समझकर समय पर अस्पताल लाया जाए तो उनकी जान बचाई जा सकती है इस दिशा में एक घंटे के अंदर मरीज को अस्पताल पहुंचाना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है जिले में हृदय रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है सबसे ज्यादा अधिकांश मरीज हार्ट अटैक की युवाओं में देखी जा रही हैं हार्ट फेलियर की समस्याओं से ग्रसित होते युवा समाज चिंता का विषय है हृदय रोगियों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है जिनकी लगभग उम्र 40 वर्ष के आसपास रहती है इस बढ़ते रोग की समस्या का मुख्य कारण तनाव और असंतुलित खान-पान माना जा रहा है इसके अलावा बिगड़ती दिनचर्या पर्याप्त नींद की कमी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी लापरवाही भी देखी जा रही है हृदय रोग से बचने के लिए अपने दिनचर्या को संयमित करने की आवश्यकता है अपने जीवन से तनाव को मुक्त रखें नशे का सेवन न करें *जिले में नहीं है हृदय रोग विशेषज्ञ* मऊगंज जिले में हृदय रोगियों की बढ़ती संख्या चिंता जनक है किंतु सिविल स्वास्थ्य विभाग मऊगंज जिले में हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है मऊगंज जिला का क्षेत्रफल लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है यूपी से लगा बॉर्डर जड़कुड़ क्षेत्र जिसकी दूरी रीवा अस्पताल के लिए डेढ़ सौ किलोमीटर की है चिकित्सकों की माने तो हृदय रोग की जानकारी लगते ही महज एक घंटे में अस्पताल पहुंचना जरूरी है किंतु जड़कुड़ क्षेत्र से रीवा की दूरी 150 किलोमीटर है जहां कम से कम तीन घंटे में दूरी तय की जा सकती है जिसकी बड़ी वजह यातायात और सड़कों पर आवारा पशु है मऊगंज सिविल स्वास्थ्य विभाग में प्राथमिक उपचार के बाद रीवा जीएमएसएच भेजा जाता है मऊगंज जिला बने एक वर्ष हो गया किंतु यहां के जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन द्वारा हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की मांग नहीं उठाई गई *सलाहकार*तंबाकू और शराब के सेवन से बचें आहार में नमक का प्रयोग कम करें फल सब्जी ज्यादा खाएं नियमित व्यायाम करें ब्लड प्रेशर शुगर की जांच कराते रहें जिले में हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है अचानक बीमारी की स्थिति में सुदूर क्षेत्र होने से समय पर मरीज नहीं पहुंच पाते अस्पताल इस संबंध में कोई ठोस कदम भी नहीं उठाया जा रहा।*जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं है चिकित्सकों की कमी है जिसकी लगातार स्थानीय जनों द्वारा मांग उठाई जाती रही है जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है*
