नई दिल्ली:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने लगातार तीसरी बार अपने पहले 100 दिन पूरे कर लिए हैं. इस अवधि में कुल 15 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया. बुनियादी ढांचे का विकास, सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं और युवाओं, महिलाओं और सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े वर्गों का सशक्तिकरण मोदी 3.0 के प्राथमिक फोकस क्षेत्रों में से हैं.
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान शुरू की गई योजनाएं
आयुष्मान भारत योजना-आयुष्मान भारत योजना के नियमों में बदलाव आयुष्मान भारत योजना एक सरकारी स्वास्थ्य योजना है जो लोगों को मुफ्त इलाज मुहैया कराती है. जिन लोगों के पास यह आयुष्मान कार्ड है, उन्हें सरकार की ओर से सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाएगा. वैसे तो ये योजना कई सालों से चल रही है. लेकिन हाल ही में इस योजना में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है. अब 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक भी इस योजना के उत्तराधिकारी होंगे. आयुष्मान भारत योजना में अब 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग भी शामिल किए जाएंगे. इस बदलाव का उद्देश्य 4.5 करोड़ परिवारों के 6 करोड़ बुजुर्गों को 5 लाख रुपये के मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवर का लाभ देना है.
पीएम मुद्रा लोन योजना-अगर आपके पास नौकरी नहीं है और आप कोई बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. सरकार ने एक ऐसी योजना शुरू की है, जिससे आप तुरंत बिजनेस शुरू कर सकते हैं. सरकार ने एक योजना शुरू की है, जिसका नाम है पीएम मुद्रा लोन योजना. यह योजना हर हाल में लोगों को बेहतर रोजगार के अवसर देगी. पीएम मुद्रा लोन योजना में पहले 10 लाख रुपये की राशि दी जाती थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है.
रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजना-नियुक्ति को बढ़ावा देने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के तहत तीन रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजनाओं की शुरुआत की गई है. ये योजनाएं, जिनमें स्कीम ए , स्कीम बी और स्कीम सी शामिल हैं. ईपीएफओ में पहली बार नामांकन कराने वाले कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए तैयार की गई हैं.
पीएम इंटर्नशिप योजना-पीएम इंटर्नशिप योजना से कम से कम एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप के अवसर देना है. इंटर्नशिप योजना के तहत एक करोड़ युवाओं को देश की 500 शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर मिलेंगे. इस योजना के तहत इंटर्न को मासिक भत्ता के साथ-साथ एकमुश्त सहायता राशि भी दी जाएगी. योजना के अनुसार, युवाओं को मासिक भत्ते के रूप में 5000 रुपये और एकमुश्त सहायता के रूप में 6000 रुपये मिलेंगे.
यूनिफाइड पेंशन स्कीम-नई यूनिफाइड पेंशन योजना से 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. अगर राज्य सरकारें यूपीएस का विकल्प चुनती हैं तो लाभार्थियों की संख्या करीब 90 लाख हो जाएगी. सरकार के मुताबिक बकाया राशि पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. पहले साल में सालाना लागत में करीब 6,250 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी. यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी. केंद्र सरकार के कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन योजना और यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प दिया जाएगा.