जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है. हमारे शरीर में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने लगती है. जिनमें पाचन, चर्म रोग और मूत्र संबंधी विकार प्रमुख होता है. ऐसे में बोकारो के वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक, डॉ. राजेश पाठक ( नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस एंड रिसर्च, नई दिल्ली से एम.डी., पतंजलि आयुर्वेद में 16 वर्षों का अनुभव और वर्तमान में शुद्धि आयुर्वेदा में 3 वर्षों से कार्यरत) ने लोकल 18 से कहा कि गुलनार औषधीय गुणों से भरपूर हुए पोधा है. जिसे कई सारे शारीरिक समस्याओ को हम घर पर प्राकृतिक रूप से दूर कर सकते हैं. इसके फूल पौधे और जड़ का सही से उपयोग करने पर पाचन तंत्र, त्वचा विकारों और मूत्र संबंधी समस्याओं से निजात करने की क्षमता रखता है .
पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करना बढ़ती उम्र के साथ हमारे पेट पाचन कार्यक्षमता धीमी हो जाती है. जिससे अपच, गैस, पेट में भारीपन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं. ऐसे में गुलनार के फूलों से बनी चाय या पाउडर का सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में मदद करता है. इसके शीतल और शुद्धिकरण वाले गुण पाचन तंत्र को संतुलित रखते हैं.हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को सुधारता है.
15पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करना बढ़ती उम्र के साथ हमारे पेट पाचन कार्यक्षमता धीमी हो जाती है. जिससे अपच, गैस, पेट में भारीपन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं. ऐसे में गुलनार के फूलों से बनी चाय या पाउडर का सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में मदद करता है. इसके शीतल और शुद्धिकरण वाले गुण पाचन तंत्र को संतुलित रखते हैं.हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को सुधारता है. डॉ. राजेश पाठक ने आगे कहा कि गुलनार का पौधा मूत्रवर्धक गुणों से भी भरपूर है. जो मूत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है.
मूत्र मार्ग के संक्रमण (UTI),पेशाब में जलन और मूत्र में रुकावट जैसी समस्याओं का समाधान गुलनार से हो सकती है. इसके लिएफूलों से बनी चाय या काढ़ा मूत्र को साफ करता है.शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है.25डॉ. राजेश पाठक ने आगे कहा कि गुलनार का पौधा मूत्रवर्धक गुणों से भी भरपूर है. जो मूत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है. मूत्र मार्ग के संक्रमण (UTI),पेशाब में जलन और मूत्र में रुकावट जैसी समस्याओं का समाधान गुलनार से हो सकती है. इसके लिएफूलों से बनी चाय या काढ़ा मूत्र को साफ करता है
.शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है. गुलनार के पौधे में सूजन-रोधी गुण होते हैं. जो त्वचा के संक्रमण या घावों में सूजन को कम करने में सहायक होता हैं. इसके डायन्थस के सूखे फूलों को 200 एमएल पानी में 1-2 चम्मच सूखे फूलों को अच्छी तरह उबालें वाले इसके बाद इसे सुबह शाम छानकर सेवन करें. सूजन से राहत जरूर मिलेगी.35गुलनार के पौधे में सूजन-रोधी गुण होते हैं. जो त्वचा के संक्रमण या घावों में सूजन को कम करने में सहायक होता हैं. इसके डायन्थस के सूखे फूलों को 200 एमएल पानी में 1-2 चम्मच सूखे फूलों को अच्छी तरह उबालें वाले इसके बाद इसे सुबह शाम छानकर सेवन करें. सूजन से राहत जरूर मिलेगी.
त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे फोड़े-फुंसी, दाग-धब्बे और चर्म रोग, बढ़ती उम्र के साथ आम हो जाते हैं. ऐसे में गुलनार के पौधे में पाए जाने वाले सूजन-रोधी गुण त्वचा के संक्रमण और सूजन को कम करने में मदद करते हैं. गुलनार के पत्तों का पेस्ट त्वचा पर लगाने से संक्रमण और अन्य त्वचा समस्याओं में आराम मिलता है. त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद मिलती है.45त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे फोड़े-फुंसी, दाग-धब्बे और चर्म रोग, बढ़ती उम्र के साथ आम हो जाते हैं. ऐसे में गुलनार के पौधे में पाए जाने वाले सूजन-रोधी गुण त्वचा के संक्रमण और सूजन को कम करने में मदद करते हैं.
गुलनार के पत्तों का पेस्ट त्वचा पर लगाने से संक्रमण और अन्य त्वचा समस्याओं में आराम मिलता है. त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद मिलती है. गुलनार के अंदर मौजूद विशेष तत्व शरीर के अंदर मौजूद गंदगी को दूर करने में निकाल कर शरीर को स्वस्थ रखते हैं. इसके लिए रोजाना डायन्थस के एक से दो पत्तों को अन्य जड़ी-बूटियों जैसे तुलसी, अदरक, या मुलेठी के साथ उबालकर काढ़ा बनाकर सेवन करें तो यह रोगों से लड़ने और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है.55गुलनार के अंदर मौजूद विशेष तत्व शरीर के अंदर मौजूद गंदगी को दूर करने में निकाल कर शरीर को स्वस्थ रखते हैं. इसके लिए रोजाना डायन्थस के एक से दो पत्तों को अन्य जड़ी-बूटियों जैसे तुलसी, अदरक, या मुलेठी के साथ उबालकर काढ़ा बनाकर सेवन करें तो यह रोगों से लड़ने और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है.